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बीकानेर।पीबीएम अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए आम जनता से संभागीय आयुक्त के नाम सुझाव दिए हैं। संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की बैठक ये सुझाव विचार विमर्श के लिए रखे जाने हैं। बैठक बुधवार को होगी।
एस.पी. मेडिकल कॉलेज और सम्बद्ध पीबीएम अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था बड़ी समस्या है। संभाग का सबसे बडा चिकित्सा केन्द्र होने की वजह से यहां मरीजों की बेतहाशा भीड रहती है। पीबीएम मरीज के परिजनों व डाक्टर्स अथवा नर्सिंग स्टाफ के बीच आए दिन झगडों एवं मारपीट की घटनाएं होती रहती है। इसी तरह करोडों रूपये का ठेका देने के बाद भी सफाई व्यवस्था बदहाल है।
ये हैं प्रमुख समस्याएं
चिकित्सालय की इमारतों, वार्डों व परिसर सहित टॉयलेट की सफाई व्यवस्था बदहाल।
निशुल्क दवा योजना में दवा वितरण के लिए पीबीएम में 30 से ज्यादा डी डी सी सेन्टर्स चलाये जा रहे हैं। डीडीसी में इनकी शुरूआत से ही अव्यवस्था एवं अनियमितता सामने आ रही है।
पीबीएम एवं मेडिकल कॉलेज के सभी विभागों का उचित प्रबंधन नहीं। डॉक्टर्स, रेजिडेंट्स, नर्सिंग कर्मी, कार्यालय कर्मी, लैब कार्मिकों तथा कर्मचारियों की कार्यस्थल सुविधाएं स्तरहीन है।
पीबीएम, संबद्ध प्रयोगशालाओं एव मेडिकल कॉलेज में मशीने एवं उपकरणों की वर्तमान स्थिति खराब है। खरीद एवं स्टोर में अव्यवस्था एवं संसाधनों का दुरूपयोग किया जा रहा है।
एमआरआई, सीटी स्केन, ईको व ईसीजी के नियमों के विरूद्ध अनुबंधों की वजह से आम जनता को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
मरीजों को भोजन एवं दूध, फल आदि की खरीद एवं वितरण में अनियमितताएं की जा रही है ।
मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी व पीबीएम बीकानेर में केमिस्टों व बीकानेर सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार की ओर से आपूर्ति की गई दवाइयों का भुगतान वर्ष 2007 से बकाया है।
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