
नवीन शिक्षा नीति में अंग्रेजी अध्यापन का महत्व बढ़ा
बीकानेर.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अंग्रेजी अध्ययन के विलोपन का प्रावधान नहीं है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृ भाषा उन्नयन का प्रावधान है यह सार्वभौमिक सत्य है। इसमें अंग्रेजी अध्ययन अध्यापन के महत्व को और बढ़ा दिया है।
यह बात गुरुवार को महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के तत्वावधान में आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं भारत में अंग्रेजी अध्ययन का भविष्य विषयक ऑनलाइन सेमिनार में इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के अध्यक्ष प्रो. कपिल कपूर ने मुख्य वक्ता के रूप में कही।
राजस्थान विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रो. एसपी शुक्ला ने बताया कि नई शिक्षा नीति में अंग्रेजी को वह स्थान दिया गया है जो स्वातंत्रयोत्तर भारत में पिछले सत्तर साल में भी नहीं मिल पाया था। इस अवसर पर हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय महेन्द्रगढ़ के प्रो. संजीव कुमार, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद अजमेर के प्रो. सरयुग यादव, चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय की अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. अन्नू शुक्ला, जयनारायण विश्वविद्यालय की अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. कल्पना पुरोहित तथा डूंगर महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या डॉ. कृष्णा राठौड़ ने विचार व्यक्त किए।
इससे पूर्व उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वीके सिंह ने बताया कि नवीन शिक्षा नीति अंग्रेजी के शिक्षण में आमूल चूल परिवर्तन का घोषणा पत्र है। उद्घाटन सत्र का संचालन अंग्रेजी विभाग में कार्यरत सहायक आचार्य डॉ. प्रगति सोबती ने किया। तथा कालांतर में हुए तकनीकी सत्रों का क्रमश: संचालन अंग्रेजी विभाग में सहायक आचार्य डॉ. सीमा शर्मा एवं संतोष कंवर शेखावत ने किया।
Published on:
19 Feb 2021 06:10 pm
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