
लाखों के वाहन खरीदने वाले हो रहे लर्निंग लाइसेंस परीक्षा में फेल
लर्निंग लाइसेंस बनाने वाले 15 फीसदी वाहन चालक 12 सवाल भी सही नहीं दे पाते
जयभगवान उपाध्याय
एक्सक्लूसिव स्टोरी
बीकानेर.
चमचमाती गाडिय़ों के लिए लाखों रुपए खर्च करने वाले वाहन चालकों को सड़क पर चलने के नियम-कायदों की जानकारी भी नहीं है। प्रादेशिक परिवहन विभाग (आरटीओ) की लर्निंग लाइसेंस परीक्षा में रोजाना 15 से 20 फीसदी वाहन चालक इसी कारण फेल हो रहे हैं।
लर्निंग लाइसेंस के लिए होने वाली कम्प्यूटर परीक्षा में सड़क चलने से जुड़े 20 सवाल किए जाते हैं, जिसमें 12 के जवाब देना अनिवार्य होता है। इन सवालों में सड़क के किनारे लगे यातायात संकेतकों और नियमों का उल्लेख होता है। हैरानी की बात तो यह कि परीक्षा में महिला वाहन चालकों की तुलना में पुरुष वाहन चालक ज्यादा फेल हो रहे हैं।
190 वाहन चालकों को मौका
परिवहन विभाग में रोजाना 190 वाहन चालकों को लर्निंग और स्थाई लाइसेंस बनाने का मौका मिलता है। इसमें सबसे अधिक लर्निंग लाइसेंस के स्लॉट की बुकिंग खुलती है, लेकिन बुकिंग करवाने वाले वाहन चालकों की संख्या औसत रूप से करीब 85 ही होती है। इसी प्रकार स्थाई लाइसेंस के लिए रोजाना 70 स्लॉट बुकिंग करवाने का मौका परिवहन विभाग वाहन चालकों को देता है। प्रतिदिन कम्प्यूटर परीक्षा में फेल होने वाले वाहन चालकों की औसत संख्या करीब 30 होती है। यह बात अलग है कि एक बार फेल होने वाले वाहन चालकों को परिवहन विभाग दोबारा परीक्षा देने का मौका भी देता है।
फिल्म में होती है जानकारी
लर्निंग लाइसेंस बनाने से पहले वाहन चालकों को परिवहन विभाग में एक लघु फिल्म दिखाई जाती है, जिसमें सड़क सुरक्षा से जुड़े ऑडियो, वीडियो सहित सड़क जागरुकता से जुड़े प्रतीक चिन्ह दर्शाए होते हैं। वहीं सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाने, बिना हेलमेट गाड़ी नहीं चलाने तथा सड़क पर दुर्घटना होने की स्थिति में वाहन चालकों की ओर से की जाने वाली कार्रवाई के बारे में भी बताया जाता है।
लाइसेंस अनिवार्य बनाएं
ऐसा देखने में आता है कि लोग लाखों रुपए की गाडिय़ों तो खरीद लेते हैं, लेकिन उन्हें सड़क सुरक्षा से जुड़े नियम-कायदों की जानकारी भी नहीं होती। ऐसे लोग लर्निंग लाइसेंस की परीक्षा में भी पास नहीं हो पाते। प्रतिदिन करीब १५ फीसदी लोग परीक्षा में फेल हो रहे हैं। अच्छा हो कि वाहन की खरीद करने से पहले और बाद में लाइसेंस संबंधी नियम-कायदों की पूरी जानकारी लेने और लाइसेंस बनने के बाद ही गाड़ी चलाएं।
जुगल किशोर माथुर, जिला परिवहन अधिकारी, बीकानेर
Published on:
27 Jul 2021 06:03 pm
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