
truck in no entry
बीकानेर. शहर में रात को नो-एंट्री के बाद भारी वाहनों को रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है जबकि यातायात पुलिस दावा करती है कि उनकी व्यवस्था बेहतर है। भारी वाहनों को शहर में प्रवेश तक करने नहीं दिया जाता, जबकि हकीकत यह है कि रात को भारी वाहन ट्रक, ट्रबो व ट्रोले शहर के सड़कों पर सरपट दौड़ते देखे जा सकते हैं।
इसका ताजा नमूना गुरवार को देखने को मिला। यहां जिला पुलिस अधीक्षक की कोठी से चंद कदम दूरी पर एक ट्रोला नो-एंट्री एरिया में आया। ट्रक यहां एक नाले में धंस गया। ट्रोले में १८ पहिऐ वाले ट्रोले में सामान लदा था। वह दिनभर पब्लिक पार्क स्थित लिलीपौंड के पास खड़ा रहा, उसे वहां से हटाने की व्यवस्था नहीं हो सकी। इस संबंध सदर पुलिस से बात करने पर बताया कि ट्रोला बुधवार रात को आया। शुक्रवार को जेसीबी बुलाकर ट्रोले को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
जेल का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखी
बीकानेर. जिले के न्यायिक अधिकारियों ने गुरुवार को जेल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बीकानेर के अध्यक्ष, जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेन्द्र पारीक, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार एवं सचिव अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राहुल चौधरी ने निरीक्षण के दौरान बंदियों से मुकदमों की स्थिति एवं अधिवक्ता के संबंध में जानकारी ली। बंदियों की ओर से अधिवक्ता न कर पाने की स्थिति में नि:शुल्क विधिक सहायता के तहत प्राधिकरण द्वारा अधिवक्ता उपलब्ध करवाने के संबंध में जानकारी दी।
जेल विधिक सेवा क्लिनिक के डिजीटाइलेशन के माध्यम से बंदियों के क्रिया-कलापों का उचित व पूर्ण रिकॉर्ड रखना, निरुद्ध बंदियों के मुकदमों से संबंधित डाटाबेस तैयार करना तथा बंदियों के प्रकरण संबंधी जानकारी प्राप्त की। इसके अतिरिक्त बंदियों को निर्धारित डाइट के अनुसार भोजन एवं पानी की व्यवस्था, स्वास्थ्य देखभाल, रचनात्मक गतिविधियां, शैक्षणिक एवं औद्योगिक गतिविधियां व बुनियादी ढांचे के संबंध में भी निरीक्षण किया। इस दौरान जिला एवं सेशन न्यायालय के वरिष्ठ मुसंरिम राजीव गोस्वामी, दीनदयाल ओझा, कार्यकारी व निजी सहायक, स्टेनो जितेन्द्र सिंह शेखावत, व स्टेनो अहमद अली तथा केन्द्रीय कारागृह के कार्यवाहक अधीक्षक व जेलर उपस्थित थे।
Published on:
28 Sept 2018 01:08 pm
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