
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय
दिनेश कुमार स्वामी
नागौर-बीकानेर बेसिन के भूगर्भ में खनिज सम्पदा का खजाना भरा पड़ा है। यहां पर जिप्सम, व्हाइट क्ले का खनन सालों से हो रहा है। तेल और प्राकृतिक गैस के भंडारों का पता लगने के बाद तीन कुओं की खुदाई शुरू हो चुकी है।
श्रीडूंगरगढ़-लूणकरनसर और हनुमानगढ़ क्षेत्र में पोटाश के भंडार मिल चुके हैं। विदेशी सोल्यूशन माइंनिंग तकनीक से पोटाश का खनन शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसके बावजूद यहां दो दशक पुराने महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में भूगर्भ विज्ञान विषय नहीं पढ़ाया जा रहा है।
बीकानेर के ग्रामीण अंचल के युवा तो अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के दौरान ही खनिज सम्पदा के खनन आदि को देखकर इससे वाकिफ हो जाते हैं। ऐसे में यदि विश्वविद्यालय में भूगर्भ विज्ञान विषय पढ़ाया जाए, तो केन्द्र सरकार से भी रिसर्च के लिए बड़े प्राजेक्ट मिल सकते हैं।
विश्वविद्यालय से थोड़ी दूरी पर ही ओएनजीसी गैस और तेल के लिए वेल ड्रिलिंग का कार्य कर रहा है। ओएनजीसी की निदेशक सुषमा रावत ने शिक्षा के क्षेत्र में आर्थिक, संसाधनों और रिसर्च के लिए उनके स्पॉट उपलब्ध कराने के लिए घोषणा भी की थी। विद्यार्थियों को ड्रिलिंग स्थल पर आकर पूरी प्रक्रिया समझने के लिए निमंत्रण भी दिया है।
स्थानीय आवश्यकताओं पर रिसर्च ही विवि का उद्देश्य
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के डिपार्टमेंट ऑफ जियोलोजी के एसिस्टेंट प्रो. डॉ. बी.आर. रोज के अनुसार, किसी भी विश्वविद्यालय की स्थापना के पीछे उस क्षेत्र की स्थानीय मांगों और आवश्यकताओं पर रिसर्च का उद्देश्य रहता है। जिससे उस क्षेत्र को फायदा हो और वहां के युवा विषय की गहरी समझ प्राप्त कर सके।
बीकानेर संभाग के चारों जिलों में भूगर्भ में खनिज सम्पदा भरपूर है। ऐसे में यहां के विश्वविद्यालय में यह विषय होगा तो विश्व बैंक से लेकर केन्द्र और राज्य सरकारों से रिसर्च में भरपूर मदद मिलेगी। विश्वविद्यालय के अनुसंधान का दुनिया को लाभ मिलेगा।
राज्य सरकार को भेजेंगे प्रस्ताव
विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम, रिसर्च और विषय संबंधी मामलों पर अकेडमी काउंसिल की बैठक में विचार होता है। कुलपति के माध्यम से प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाता है। यह सही है कि बीकानेर क्षेत्र की भौगोलिक िस्थति को देखते हुए यहां भूगर्भ विज्ञान का डिपार्टमेंट विश्वविद्यालय में खोलना उचित रहेगा। इस संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
- बिट्ठल बिस्सा, अतिरिक्त कुल सचिव (शैक्षणिक) एमजीएसयू
भूगर्भं में यह खजाना
-25 मिलियन हैवी क्रूड ऑयल और प्राकृतिक गैस का भंडार।
- 2400 मिलियन टन पोटाश के भंडार होने का अनुमान।
- 40 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में सोडियम क्लोराइड वाला रॉक साल्ट।
- 405.43 मिलियन टन लिग्नाइट के भंडार।
- 950 मिलियन टन जिप्सम नागौर-बीकानेर बेसिन में।
Published on:
02 Jan 2024 10:56 pm
बड़ी खबरें
View Allबीकानेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
