
तुलसी-सालगराम विवाह आज, तुलसी तेला व्रतियों ने प्रज्जवलित की अखंड ज्योत
बीकानेर. देव प्रबोधनी एकादशी (Dev Prabodhani Ekadashi) पर बुधवार को तुलसी-सालगराम विवाह (Tulsi-Salgaram Marriage) के आयोजन होंगे। घरों और मंदिरों में सजाए जाने वाले मंडपों में तुलसी-सालगराम विवाह के दौरान सांसारिक रीति-नीति अनुसार विवाह कार्यक्रम सम्पन्न होंगे। श्रद्धालु लोग तुलसी विवाह (Tulsi marriage) के दौरान कन्या दान की परम्परा की निर्वहन करेंगे। तुलसी-सालगराम विवाह को लेकर कई घरों और मंदिरों में मंगलवार को तैयारियां की गई। ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार भगवान विष्णु और तुलसी का विवाह ठीक सांसारिक वर-वधू के विवाह सदृश्य ही विधि प्रक्रिया के तहत होता है। देव प्रबोधनी एकादशी के दिन शुभ नक्षत्र एवं शुभ लग्न में तुलसी और भगवान विष्णु के स्वरूप सालगराम का विवाह सम्पन्न होगा। इस दौरान चार फेरा, सप्तपदी वाचन (Saptapadi reading) , यज्ञ आदि सम्पन्न किए जाते है।
तुलसी तेला महाव्रत-पूजन
अक्षय नवमी से शुरू हुए त्रिदिवसीय तुलसी तेला महाव्रत के दूसरे दिन मंगलवार को व्रती महिलाओं व कन्याओं ने अखंड ज्योति प्रज्जवलित की। घर-घर में व्रतधारी महिलाओं ने अखंड सौभाग्य और कुंवारी कन्याए अच्छे वर की कामना व घर परिवार की सुख समृद्धि की कामना को लेकर इस महाव्रत को रखती है। घरों में शाम बाद विधि विधानपूर्वक अखंड ज्योति प्रज्जलित की गई। पंडित किराडू के अनुसार तुलसी तेला महाव्रत अक्षय नवमी से देव प्रबोधनी एकादशी तक चलता है। व्रतधारी महिलाएं व कन्याएं द्वादशी को अलसुबह ब्राह्मण भोजन करवाने के बाद तुलसी चरणामृत ग्रहण कर व्रत का पारणा करेगी।
भीष्म पंचक महाव्रत आज से
घर परिवार की सुख समृद्धि की कामना को लेकर महिलाएं देव उठनी एकादशी (Dev Uthi Ekadashi) से पांच दिवसीय भीष्म पंचक (Bhishma Panchak) महाव्रत की शुरूआत करेगी। पंडित किराडू के अनुसार इस महाव्रत की पूर्णाहुति पूर्णिमा के दिन होगी। महिलाएं पांच दिनों तक महाव्रत के दौरान देव प्रतिमाओं के दर्शन-पूजन कर घर परिवार के बड़े बुजुर्गो से आर्शीवाद प्राप्त करेगी।
Published on:
25 Nov 2020 05:30 pm
बड़ी खबरें
View Allबीकानेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
