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UGC ने जारी किया नया ड्राफ्ट, विद्यार्थियों के लिए आई खुशखबरी, ये 16 क्षेत्र खोलेंगे रोजगार के द्वार

News For Students: कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी अब पढ़ाई के साथ-साथ इंटर्नशिप भी कर सकेंगे। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों से अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप का मौका देने के लिए कहा है। खास बात यह है कि इसको लेकर विद्यार्थियों को क्रेडिट पॉइंट भी दिए जाएंगे।

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UGC Released New Draft: कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी अब पढ़ाई के साथ-साथ इंटर्नशिप भी कर सकेंगे। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों से अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप का मौका देने के लिए कहा है। खास बात यह है कि इसको लेकर विद्यार्थियों को क्रेडिट पॉइंट भी दिए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को पढाई के साथ-साथ काफी कुछ सीखने को भी मिल सकेगा। साथ ही पढ़ाई के बाद तुरंत नौकरी की संभावना भी कई गुणा तक बढ़ जाएगी। इसको लेकर नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति की जाएगी, जो इंटर्नशिप के लिए संस्थानों का चयन करेंगे।

विवि से जुड़े जानकारों के अनुसार, यूजीसी की गाइडलाइंस में छात्रों को पेड इंटर्नशिप की पेशकश करने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इसे इंडस्ट्री की ओर से चलाए जाने वाले कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी प्रोग्राम के तहत भी लिया जा सकता है। इस नए कदम से पढ़ाई में उद्योगों की आवश्यकता अनुसार, नए पाठ्यक्रम शामिल किया जा सकते हैं।

इनको किया शामिल
जानकारी के मुताबिक, यूजीसी की ओर से अंडर ग्रेजुएट लेवल पर स्टूडेंट्स को रिसर्च और इंटर्नशिप से जोड़ने के लिए 16 क्षेत्रों को चुना गया है। इसमें एआई, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, आईटी आदि के साथ व्यापार व कृषि क्षेत्र, इकोनॉमी-बैंकिग क्षेत्र, लाजिस्टिक, हैंडीक्राफ्ट, आर्ट, डिजाइन और संगीत का क्षेत्र, हेल्थ केयर और लाइफ साइंस, पर्यटन और उससे जुड़ी सुविधाओं वाला क्षेत्र, मानवाधिकार, संचार, शिक्षा, पर्यावरण, कॉमर्स, मध्यम व छोटे उद्योग, रिटेल, खेल और फिजिकल एजुकेशन आदि शामिल हैं।
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यह होगा फायदा
विद्यार्थी को पढाई के साथ ही रोजगार का द्वार भी खुल सकेगा।
पढाई के साथ व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा।
इंडस्ट्री की क्या डिमांड है, उसके हिसाब से सिलेबस बन सकेगा।
विद्यार्थियों को में नौकरी मिलने में आसानी होगी।
उद्यमशीलता को गति मिलेगी।

रोजगारोन्मुखी शिक्षा को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से औद्योगिक क्षेत्र एवं विश्वविद्यालय के आपस में समन्वय के साथ कार्य करने को लेकर जो दिशा निर्देश जारी किए हैं। यह निश्चित रूप से आने वाले समय में शैक्षणिकोन्नयन, शोधपरक तथा रोजगारोन्मुखी शिक्षा को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। बीकानेर में फूड इंडस्ट्री, उस्ता आर्ट, डेरी प्रोडक्ट, सेरेमिक्स तथा वूलन इंडस्ट्रीज से संबंधित विशेषज्ञों की सेवा लेकर पाठ्यक्रम तैयार किये जा सकते हैं। इन क्षेत्रों के विशेषज्ञों से पाठ्यक्रम संचालन में मदद लेने के लिए आपसी समन्वय की बात विश्वविद्यालय के लिए इस गाइडलाइन में की गई है।
-डॉ. बिट्ठल बिस्सा, अतिरिक्त कुलसचिव, एमजीएसयू
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यूजीसी की ओर से जारी किया गया नया ड्राफ्ट सराहनीय
अंडर ग्रेजुएट स्तर पर इंटर्नशिप को कोर्स का हिस्सा बनाने के पीछे मकसद यह भी है कि छात्रों को इसका क्रेडिट मिले। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत लागू किए गए एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में उसका स्कोर इकट्ठा हो सकेगा। इसका छात्रों को आगे चल कर भी काफी फायदा मिलने की संभावना है। इतना ही नहीं, संबंधित कंपनी की सिफारिश पर इंटर्नशिप कर रहे छात्रों की इंटर्नशिप अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। इंटर्नशिप प्रोजेक्ट स्टूडेंट के स्किल डेवलपमेंट कोर्स से लिंक होगा। इस पहल से स्किल डेवलपमेंट की दिशा में चल रहे प्रयास सार्थक होंगे। बैचलर डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स के लिए यूजीसी की ओर से जारी किया गया नया ड्राफ्ट सराहनीय है। इसमें कहा गया है कि ग्रेजुएशन कोर्सेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को अनिवार्य रूप से इंटर्नशिप करनी होगी और इसके लिए उन्हें क्रेडिट दिया जाएगा। इंटर्नशिप करने के बाद ही उन्हें डिग्री दी जाएगी।