
पहिये थमे तो रोजाना होने लगा पन्द्रह लाख रुपए का नुकसान
लॉकडाउन से रोडवेज और निजी बस ऑपरेटरों को लग रही चपत
बीकानेर.
लॉकडाउन के चलते आमजन के साथ-साथ सरकारी बसों का संचालन करने वाले राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (रोडवेज) को भी आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है।
अकेले बीकानेर आगार में रोजाना पन्द्रह लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं निजी बसों की संख्या अधिक होने के कारण उनके नुकसान का आंकड़ा रोजाना एक करोड़ रुपए से अधिक बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में लॉकडाउन लगाने के साथ ही निजी और सरकारी बसों के संचालन सहित अन्य वाहनों के संचालन पर भी रोक लगा दी थी। इसके बाद सरकारी और निजी बसों का संचालन बंद हो गया। बीकानेर आगार की मुख्य प्रबंधक इंदिरा गोदारा ने बताया कि लॉकडाउन से रोजाना रोडवेज को पन्द्रह लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
चालक-कंडक्टर सभी घर
मुख्य प्रबंधक गोदारा ने बताया कि लॉकडाउन लगने वाले दिन से ही रोडवेज के चालक और परिचालकों को घर रहने की हिदायत दे दी थी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह आवश्यक भी था। गोदारा ने बताया कि बीकानेर आगार से विभिन्न मार्गों के लिए करीब 150 से अधिक बसों का संचालन रोजाना होता था। इसमें जयपुर के लिए वॉल्वो बस भी शामिल है।
8 जून तक बंद रहेगा संचालन
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 8 जून तक लॉकडाउन की घोषणा की है। ऐसे में 8 जून तक निजी और सरकारी बसों का संचालन नहीं होगा। अगर राज्य सरकार लॉकडाउन अवधि को नहीं बढ़ाती है तो सात जून से बसों का संचालन पुन: शुरू हो जाएगा। लेकिन अगर अवधि को और बढ़ाया जाता है तो संचालन पर रोक ही रहेगी।
दिन कटने मुश्किल
एक निजी बस के चालक रामचन्द्र बिश्रोई ने बताया कि वह पूर्व में एक निजी बस का बीकानेर से जयपुर संचालन कर रहा था। लेकिन जब से लॉकडाउन लगा है, उसकी दिनचर्या बदल गई है। अब उसे रात को नींद नहीं आती। उसने बताया कि लॉकडाउन के कारण अब उसके दिन बहुत मुश्किल से कट रहे हैं।
Published on:
30 May 2021 12:02 am
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