सीएमएचओ डॉ. मीणा ने बताया कि पीबीएम अस्पताल में शुक्रवार शाम को एक 60 वर्षीय महिला की मौत हुई है। उसके रिश्तेदारों व संपर्क में आए २५ जनों को सुबह पांच बजे पीबीएम अस्पताल के क्वारेंटाइन आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। इस महिला की मौत ने बीकानेर के चिकित्सका व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। संभवता यह पहला ही मामला होगा जब रिपोर्ट से पहले ही मरीज की मौत हो गई है। साथ ही चिकित्सकों को यह भी समझ नहीं आ रहा है कि अब करना क्या है क्योंकि इस बीमारी से मरने वालों के लिए गाइडलाइन ही अलग है।
युद्धस्तर पर चला काम बीकानेर के रानीसर बास स्थित नूरानी मस्जिद के पास एक मकान में दिल्ली से आए ११ जमातियों को बुधवार को चिन्हित कर पीबीएम अस्पताल स्थित माहेश्वरी धर्मशाला भेजा गया, जिनमें से दो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद शुक्रवार सुबह जिला प्रशासन ने कफ्र्यू लगा दिया वहीं स्वास्थ्य विभाग ने युद्धस्तर पर इन क्षेत्रों के लोगों की स्क्रीनिंग का काम शुरू किया। सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक ३०० टीमों ने ९६३७ घरों का सर्वे कर ७८ हजार ५६५ लोगों की स्क्रीनिंग की, जिसमें से ३९२ सामान्य सर्दी-जुकाम से पीडि़त पाए गए। जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम व सीएमएचओ डॉ. मीणा लगातार संपर्क में हैं।
घबरा गए चिकित्सक और ….
बीकानेर में पॉजिटिव मरीज रिपोर्ट होने के बाद एसपी मेडिकल कॉलेज एवं पीबीएम अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों के हाथ-पांव फुल गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुक्रवार को १४७ लोगों को आइसोलेशन करने के लिए पीबीएम अस्पताल भेज दिया। अस्पताल के अधिकारी मीडिया को सही रिपोर्ट देने तक से कतरा रहे हैं। जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप रखी है उनमें से कोई फोन नहीं उठाता तो कोई रिपोर्ट न होने का बहाना बना कर टालता रहता है।
यह है मामला
पीबीएम अस्पताल के आईसीयू में भर्ती एक महिला मरीज की शुक्रवार शाम को इलाज के दौरान मौत हो गई। अस्पताल सूत्रों के अनुसार महिला को आईसीयू वार्ड में उपचार चल रहा था। उसकी स्वाइन फ्लू की जांच कराई गई थी जो नेगेटिव आई थी। शुक्रवार शाम को मौत होने के बाद चिकित्सकों ने उसकी कोरोना की जांच कराई। उसका सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजा है। इसके बाद महिला के शव को घर ले जाने के लिए कोई एम्बुलेंस चालक तैयार नहीं हुआ।