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इन वजहों से नहीं खरीदनी चाहिए सेकेंड हैंड लग्जरी कार, ग्राहकों को लग जाता है लाखों का चूना

Published: Aug 13, 2019 05:46:25 pm

Submitted by:

Vineet Singh

Second Hand Luxury Cars को खरीदना हो सकता है घाटे का सौदा
ग्राहकों को लग जाती है लाखों की चपत
ग्राहकों के लिए दिक्कत बन जाती है सेकेंड हैंड लग्जरी कार

Second Hand Luxury Cars
नई दिल्ली: ज्यादातर लोगों के दिमाग में कार खरीदते समय लग्जरी कार खरीदने की बात जरूर आती है। लेकिन लग्जरी कारें आम कार से काफी महंगी होती हैं। ऐसे में लोग सेकेंड हैंड लग्जरी कारें ( second hand luxury cars ) खरीद लेते हैं। कई बार सेकेंड हैंड लग्जरी कारों को खरीदना ग्राहकों के लिए घाटे का सौदा बन जाता है। तो चलिए आज आप भी जान लीजिए कि आखिर क्यों सेकेंड हैंड लग्जरी कारें खरीदने से ग्राहकों की अच्छी खासी चपत लग जाती है।
कम माइलेज

ज्यादातर लग्जरी कारों का माइलेज बेहद कम होता है क्योंकि इनमें पावरफुल इंजन लगा होता है। ऐसे में जब ये कारें पुरानी हो जाती हैं। तो इनका माइलेज और कम हो जाता है जिसकी वजह से इन्हें चलाना काफी महंगा पड़ता है। पुरानी लग्जरी कारें मैक्सिमम 8 से 10 Kmpl का माइलेज देती हैं जो काफी कम है।
Second Hand Luxury Cars
हाई मेंटेनेंस

सेकेंड हैंड लग्जरी कार वैसे तो बेहद कम कीमत में मार्केट में एवेलेबल हैं लेकिन इनकी मेंटेनेंस के काफी महंगी पड़ती है मतलब इन कारों की सर्विसिंग और रखरखाव में 20,000 से 25,000 रुपये आसानी से खर्च हो जाते हैं। इसलिए अगर आप कम खर्च में लग्जरी सेकेंड हैंड कार के रखरखाव के बारे में सोच रहे हैं तो आपको बता दें ऐसा मुमकिन नहीं होता है।
महंगी एक्सेसरीज

लग्जरी कारों की एक्सेसरीज काफी महंगी होती हैं ऐसे में अगर कार का कोई पार्ट टूटता है तो आपको मोटी चपत लग जाती है। वहीं छोटी कारों के साथ ऐसी कोई भी दिक्कत नहीं है और इनके पार्ट्स भी बेहद सस्ते होते हैं।
कम सर्विस स्टेशन

नॉर्मल कारों को आप किसी भी सर्विस स्टेशन पर ले जाकर उनकी सर्विसिंग करवा सकते हैं लेकिन लग्जरी कारों के साथ ऐसा हरगिज नहीं हैं क्योंकि इन्हें केवल ऑथराइज्ड सर्विस स्टेशन पर ही ले जाना पड़ता है और इसके अलावा कहीं और ले जाने पर ठीक से इन कारों की सर्विसिंग नहीं होती है।
Second Hand Luxury Cars

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