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इस शहर में पांच साल में हो गईं 1662 रहस्यमयी मौतें, लेकिन अभी तक कारण नहीं खोज पाई पुलिस

locationबिलासपुरPublished: Jun 15, 2019 12:27:21 pm

Submitted by:

Murari Soni

1662 रहस्यमयी मौतों(mysterious deaths) के मामलों में जांच नहीं कर पा रही पुलिस ने अधिकांश मर्ग के मामलों की फाइलें ही बंद कर दी हैे। कई मामले अब भी ऐसे हैं जिनमें पुलिस मृत्यु का कारण नहीं ढूंढ पाई है(Police could not find reason for death)।

1662 mysterious deaths in Bilaspur Chhattisgarh

इस शहर में पांच साल में हो गईं 1662 रहस्यमयी मौतें, लेकिन अभी तक कारण नहीं खोज पाई पुलिस

बिलासपुर.़ बिलासपुर में पिछले पांच सालों में 1662 मौतें का रहस्य((mysterious deaths)) पुलिस अभी तक नहीं जान पाई है। जिले में पिछले 5 सालों में हुई 1662 लोगों की मौतों के मामले की जांच अटक गई है। जांच नहीं कर पा रही पुलिस ने अधिकांश मर्ग के मामलों की फाइलें ही बंद कर दी हैे। कई मामले अब भी ऐसे हैं जिनमें पुलिस मृत्यु का कारण नहीं ढूंढ पाई है। वहीं कुछ मामलों ऐसे हैं जिनमें 13 साल की जांच के बाद पुलिस ने अपराध दर्ज किया है।
जिले में संदिग्ध मौतों के मामलों में पुलिस मर्ग कायम करती है। मरने वाले व्यक्ति की मौत के कारण जानने के लिए पुलिस जांच करती है। साथ ही मृत्यु होने वाले व्यक्ति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार व जांच के बाद यह तय होता है कि मृत्यु का कारण क्या है। इसके बाद ही जांच की फाइल की दिश तय होती है। जिले के 20 थानों में लंबित मर्ग की लंबी फेहरिस्त है। जिले में अब अब कुल 1662मर्ग के मामले लंबित हैं, जिनमें पुलिस ने जांच लगभग बंद कर दी है। कई मर्ग के मामलों की केस डायरियां थानों के रिकार्ड रूम में पड़ी हुई हैं।
पीएम व क्यूरी रिपोर्ट लेने में लेटलतीफी
मर्ग के अधिकांश मामलों में पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की क्यूरी रिपोर्ट लेने में लेटलतीफी कर रही है। मृत्यु के कारण के साथ-साथ समय और चोट लगने के प्रकार व किस वस्तु के हमले से मौत होने कीसंभावना के कारणों का पता लगाने के पुलिस डॉक्टरों से क्यूरी रिपोर्ट लेती है। इसके बाद पुलिस की जांच की दिशा तय होती है। लेकिन अधिकांश मामलों में पुलिस ने जांच रिपोर्ट नहीं ली है, जिससे मामले लंबित हो गए हैं।
13 साल बाद प्रताडऩा का मामला दर्ज
बिल्हा थानांतर्गत ग्राम मोहतरा में रहने वाली प्रेमलता कौशिक पति अवधेश कौशिक (28 ) ने 24 मई 2006 को जहर सेवन कर खुदकुशी कर ली थी। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम किया था।जांच में यह बात सामने आई कि मृतका प्रेमलता को उसकी जेठानी गंगोत्री बाई पति सेवक कौशिक द्वारा दहेज के लिए प्रताडि़त किया जाता था, जिससे क्षुब्ध होकर प्रेमलता ने जहर सेवन किया था। मामले में पुलिस ने 13 साल के बाद गंगोत्री के खिलाफ अपराध दर्ज किया।
करंट लगे से हुई मौत, 11 महीने बाद एफआईआर
मस्तूरी अंतर्गत ग्राम लटियापारा निवासी अशोक केंवट पिता जवाहर केंवट ने विद्युत तार से डायरेक्ट हुकिंग कर अपने घर में कनेक्शन जोड़ा था। विद्युत तार को जवाहर ने पड़ोस में रहने वाले त्रिभुवनचंद यादव के खेत में लगे फेंसिंग तार के जरिए के जरिए अपने घर तक लेकर गया था। फेंसिंग तार में खुले तार से करंट आ गया था। 28 जून 2018 को अकलतरा निवासी सत्यम यादव पिता शंकरलाल यादव ( 10) परिजनों के साथ पारिवारिक कार्यक्रम में गांव में रहने ावले त्रिभुवन के घर आया था। 28 जून को दोपहर करीब सवा 3 बजे फेंसिंग तार की चपेट में आने से सत्यम की मौत हो गई थी। मामले में पुलिस ने एक साल के बाद आरोपी अशोक केंवट के खिलाफ अपराध दर्ज किया।

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deaths in Bilaspur Chhattisgarh” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/06/15/21214_4712544-m.jpg”>किस थाने में कितने मर्ग लंबित
थाना 2016 के पूर्व 2017 2018 2019
सिविल लाइल 47 27 14 26
चकरभाठा 10 06 10 16
तारबाहर 06 03 07 12
सिरगिट्टी 44 16 33 20
हिर्री 00 01 09 10
सकरी 00 00 26 09
सिटी कोतवाली 115 28 25 15
तोरवा 31 12 19 16
सरकंडा 61 65 34 34
कोनी 00 05 19 16
सीपत 16 07 00 22
गौरेला 83 31 38 33
मस्तूरी 19 14 69 28
बिल्हा 21 05 17 14
पचपेड़ी 08 02 02 11
कोटा 00 00 00 00
तखतपुर 14 17 26 28
रतनुपर 08 25 71 21
मरवाही 08 06 22 30
पेण्ड्रा 33 14 38 13
मर्ग के मामलों की जांच के लिए सभी थाना प्रभारियों को अपने स्तर पर समीक्षा करने और निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। गंभीर मामलों की समीक्षा मैं स्वयं करूंगा। जल्द ही पेंडेंसी खत्म करने का प्रयास किया जाएगा।
प्रशांत अग्रवाल, एसपी

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