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जमीन बेचने का झांसा, कपड़ा व्यापारी से 24 लाख की ठगी

21 जून 2016 को जगदीप सिंह ने उससे 275 रुपए वर्ग फुट की दर से जमीन बेचने का इकरारनामा किया और 24 लाख रुपए एडवांस लिया था।

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बिलासपुर. ननिहाल से वसीयत में मिली जमीन को बेचने का झांसा देकर प्रापर्टी डीलर द्वारा कई व्यक्तियों से लाखों रुपए ठगी करने का मामला सामने आया है। चकरभाठा थानांतर्गत बिलासपुर-रायपुरमुख्य मार्ग पर 46 डिसमिल जमीन को बेचने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने के बाद प्रापर्टी डीलर फरार हो गया। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। चकरभाठा पुलिस के अनुसार, टेलीफोन एक्सचेंज रोड निवासी कपड़ा व्यापारी प्रीतम पिता कन्हैया लाल आडवानी (46) की बोदरी स्थित रामा वैली निवासी व प्रापर्टी डीलर जगदीप सिंह खनूजा पिता सन्मुख सिंह से जान पहचान है। जगदीप ने उन्हें अप्रैल २०१६ में बताया था कि उसके नाना कस्तूरी सिंह ने उसके व उसके परिवार के 13 अन्य सदस्यों के नाम पर बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे स्थित चकरभाठा में 1.865 हेक्टेयर जमीन फरवरी 2014 में वसीयत की थी। उसके हिस्से में सड़क से लगी 46 डिसमिल जमीन है, जिसे वह बेचना चाहता है। उसकी बातों में आकर प्रीतम ने जमीन खरीदने की इच्छा जाहिर की। दोनों के बीच उक्त जमीन की खरीदी-बिक्री के लिए 56 लाख रुपए में सौदा तय हुआ। 21 जून 2016 को जगदीप सिंह ने उससे 275 रुपए वर्ग फुट की दर से जमीन बेचने का इकरारनामा किया और 24 लाख रुपए एडवांस लिया था।

इकरारनामा के दौरान गवाह के रूप में दिनेश प्रसाद शुक्ला और गोवर्धन प्रसाद तिवारी मौजूद थे। शेष रकम 32 लाख रुपए 4 महीने के बाद जमीन रजिस्ट्री के समय देना तय हुआ था। 4 महीने के बाद प्रीतम ने जमीन रजिस्ट्री करने के लिए उससे संपर्क किया। तब उसने जमीन का नामांतरण नहीं होने का हवाला देकर रजिस्ट्री नहीं हो पाने की बात कही थी। जुलाई 2017 में पता चला कि जगदीप सिंह फरार हो गया है। जानकारी मिली कि जगदीप सिंह इसी जमीन को उसलापुर निवासी जगजीत सिंह चावला पिता जसबीर सिंह को बेचने के लिए 80 लाख रुपए में 4 अक्टूबर 2016 को इकरारनामा कर चुका है। प्रीतम ने घटना की शिकायत थाने में दर्ज कराई थी। शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भादवि की धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
कई लोगों से इकरारनामा कर हड़पी रकम : सूत्रों के अनुसार आरोपी जगदीप सिंह ने नाना की वसीयत में मिली जमीन को बेचने के लिए कई लोगों से संपर्क किया था। वह कई लोगों से जमीन बेचने के लिए इकरारनामा करने के बाद करोड़ों रुपए एेंठने के बाद फरार हो गया है। शहर के कई थानों में उसके खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायतें की गई हैं।

बढ़ रहे जमीन विवाद के मामले : पिछले कुछ वर्षों में शहर में जमीन विवाद के मामले तेजी से बढ़े हैं। शहर व इसके आसपास बेशकीमती जमीन पर बेजा कब्जा करने वालों की हर समय नजर है। इसके साथ ही जमीन को लेकर धोखाधड़ी की शिकायतें भी आम हो चली हैं। कभी लोग बिल्डर के हाथों ठगे जा रहे, तो कभी तथाकथित प्रापर्टी डीलर लूट रहे। जमीन के अधिकांश मामलों में पुलिस भी बेबस नजर आती है।
परिवार के 13 लोगों के नाम गिनाए : आरोपी ने जमीन बेचने के इकरारनामा करने से पहले नान कस्तूरी सिंह द्वारा बनाई गई वसीयत दिखाई थी। इसमें परिवार के सदस्य सन्मुख सिंह पिता तेजा सिंह, अमरदीप सिंह, जसविंदर ,राजकौर, संदीप सिंह खनूजा, मंदीप सिंह खनूजा, जसवीर सिह खनूजा, रीना कौर, मंजीत कौर, रंजीत कौर अरोर, परमजीत सिंह सलूजा, अनमोल सिंह खनूजा, सूरजीत कौर का नाम गिनाया था। 1.865 हेक्टेयर जमीन परिवार के सभी सदस्यों को बराबर मिलने का
झांसा दिया था।

तहसीलदार को अंधेरे में रखकर कराया नामांतरण : आरोपी जगदीप सिंह ने पिता सनमुख और अन्य रिश्तेदारों के साथ सांठ गांठ कर बिल्हा तहसीलदार के न्यायालय में मामा अमरजीत सिंह पिता कस्तूरी सिंह को लेकर प्रस्तुत हुआ था। उसने अमरजीत के माध्यम से नामांतरण आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें नाना कस्तूरी सिंह द्वारा बनाए गए वसीयतनामा बनाने की बात को छिपाई गई थी। ताकि जगदीप सिंह खनूजा का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज न हो सके।