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नर्सिंग होम या क्लीनिक को सील करने से पहले 30 दिन का नोटिस जरूरी, हाईकोर्ट ने जारी की गाइडलाइन, जानें पूरा मामला

CG High Court: सिंगल बेंच ने कहा है कि ऐसे जिस संस्थान को बंद या सील किया जाना है, संबंधित अधिकारी उस अस्पताल या नर्सिंग होम को 30 दिन का नोटिस जारी करेगा।

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हाईकोर्ट (photo Patrika)

हाईकोर्ट (photo Patrika)

Bilaspur High Court: हाईकोर्ट ने नर्सिंग होम और क्लिनिकल सेंटर के खिलाफ कार्रवाई को लेकर महत्वपूर्ण गाइडलाइन जारी की है। सिंगल बेंच ने कहा है कि ऐसे जिस संस्थान को बंद या सील किया जाना है, संबंधित अधिकारी उस अस्पताल या नर्सिंग होम को 30 दिन का नोटिस जारी करेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि लाइसेंस निरस्त या निलंबित करने से पहले भी प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है।

नोटिस में उस कारण का भी स्पष्ट उल्लेख करना होगा। इस आदेश के साथ हाईकोर्ट ने महासमुंद जिले के सरायपाली में संचालित मातृ केयर नर्सिंग होम को दोबारा खोलने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने अस्पताल खोलने की अनुमति देने के साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।

यह है मामला

सरायपाली के रहने वाले प्रशांत कुमार साहू ने आरोप लगाया था कि अस्पताल में लापरवाही से इलाज के कारण उनकी पत्नी विकलांग हो गई। सरायपाली थाने में लिखित शिकायत में प्रशांत ने बताया कि 10 अक्टूबर 2024 को उनकी पत्नी का ऑपरेशन डॉक्टर शिबाशीष बेहरा ने किया। ऑपरेशन में गंभीर लापरवाही के चलते उनकी पत्नी को स्थायी शारीरिक नुकसान पहुंचा।

शिकायत के आधार पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, महासमुंद ने टीम बनाकर जांच शुरू की। इसके बाद प्रशासन ने अस्पताल को सील कर दिया था। अस्पताल संचालक शिबाशीष बेहरा ने इस कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने फिलहाल अस्पताल को फिर से चालू करने की अनुमति दी है।


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