हाईकोर्ट ने कहा कि मृतक व्यस्क और मानसिक रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति था। वह बिजली मिस्त्री नहीं था और यह जानता था कि करंट लगने से मौत हो जाएगी। इसके बाद भी वह बिजली खंभे पर चढ़ा था। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता किसानों को दोषमुक्त किया है।
CG High Court: आखिर इतना लेट क्यों सच पता करने में..
याचिकाकर्ता शमीम खान एवं अन्य तीन, निवासी तेलईधार थाना सीतापुर ने गेहूं फसल के लिए थ्रेशर मशीन स्थापित की थी। मई 2004 में उन्होंने गांव के शाहजहां को
बिजली पोल से मशीन की लाइन जोड़ने के लिए बुलाया। शाम लगभग 3-4 बजे के बीच वह लाइन जोड़ने बिजली पोल में चढ़ा था, उसी समय करंट लगने से झुलस कर नीचे गिर गया।
उसे सीतापुर के
अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थिति गंभीर होने पर रायपुर ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। सीतापुर पुलिस ने विवेचना उपरांत मृतक को इस कार्य के लिए बुलाने वाले किसानों के खिलाफ धारा 304 ए के तहत अपराध पंजीबद्ध कर चालान पेश किया था।