
फाइल फोटो- संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर।
बता दें कि सहायक शिक्षक(एलबी) से प्रधान पाठक (प्राथमिक शाला) और शिक्षक और शिक्षक से प्रधान पाठक (पूर्व माध्यमिक शाला) के पद पर पदोन्नति के बाद पदस्थापना के लिए ओपन काउंसलिंग के माध्यम से करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के समस्त संयुक्त संचालक व जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया था। इसके लिए पदस्थापना आदेश जारी किया गया था। उक्त काउंसलिंग के बाद भी पदोन्नति उपरांत पदस्थापना आदेश में संशोधन करने के लिए लेन-देन कर संशोधन किए जाने की शिकायत कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के नेता नरेंद्र राय ने सीएम से अमरकंटक दौरे के दौरान की थी। इसके बाद सीएम ने सरकार की किरकिरी होने के मामले में शिक्षा विभाग को जांच के आदेश दिए थे। कलेक्टर ने कमेटी गठित कर जांच कराई। जांच के दौरान पाया गया कि 778 शिक्षकों की पदस्थापना स्थान में संशोधन करते हुए काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापना करते हुए निमय का उल्लंघन किया गया है। मामले में शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए प्रभारी संभागीय संयुक्त संचालक (शिक्षा) बिलासपुर एसके प्रसाद व विकास तिवारी तत्कालीन सहायक ग्रेड-2 कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक (शिक्षा) को निलंबित कर दिया है।
संशोधन में लाखों रुपए एक-एक शिक्षकों से लेने का था आरोप
कांग्रेस नेता राय ने शिकायत पत्र में बताया था कि शिक्षकों से लाखों रुपए का लेनदेन कर मनचाहे जगहों पर पोस्टिंग दी जा रही थी। इस दौरान बड़ी संख्या में पदस्थापना करने के लिए ऐजेंटों ने शिक्षकों को एक जगह से दूसरे जगहों पर पोस्टिंग कराने की मोटी रकम ले रहे थे। इसके अलावा जिसकी पकड़ मजबूत थी वह लेनदेन कर अपनी पोस्टिंग करा ले रहा था, जिनकी व्यवस्था नहीं बन पा रही थी वे बड़ी संख्या में शिक्षक रोजाना संयुक्त संचालक के कार्यालय का चक्कर लगाते रहते थे।
संशोधन के लिए अफसर नेता के भी आते थे फोन
शिक्षकों को अपने मनचाहे जगहों पर पोस्टिंग नहीं मिलने से अफसर और नेताओं से अपनी पहुंच लगाते थे। इसके बाद कई अफसर और नेता अपने लोगों का संसोधन कराने के लिए भिड़ जाते थे, जब तक संसोधन नहीं होता था तब तक वे उनके पक्ष में लगातर उनकी सिपारिस करते थे। कई नेता और अफसर अपने लोगों के पोस्टिंग उनके मनचाहे जगहों पर करा दिया है।
ऐजेंटों ने कैश में किया लेन देन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऐजोंने शिक्षकों के पोस्टिंग के लिए जो लेनदेन किया है। वह सब कैश में करते थे। ताकि कभी भी जांच हो तो बैंक अकाउंट खंगालने पर कुछ न मिल सके। इसके लिए शिक्षकों को अलग-अलग जगहों पर बुलाकर उनसे हाथों-हाथ कैश लेते हुए, उनके संसोधन के काम को पूरा करते थे। कई शिक्षक ऐसे भी हैं, जिनसे रुपए तो ले लिया गया, लेकिन उनके मनचाहे जगहों पर पोस्टिंग नहीं दी गई। इससे कई शिक्षक नाराज भी हैं।
निलंबित कर दिया गया
संयुक्त संचालक के खिलाफ जांच की गई। मामले में उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
आलोक शुक्ला, सचिव, स्कूल शिक्षा
Published on:
20 Jul 2023 02:20 am
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