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जुर्म इतना घिनौना कि मौत तक रहना होगा जेल में

पॉक्सो एक्ट में पहली बड़ी सजा : बेटी को इंसाफ, दरिंदे बाबा को उम्रकैद

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आशाराम

पत्रिका न्यूज़। गुरुकुल की नाबालिग शिष्या से दुष्कर्म मामले में 56 माह की सुनवाई के बाद आखिरकार आसाराम उर्फ आसूमल सिरुमलानी (77) को सजा सुना दी गई। आसाराम को मृत्युपर्यंत जेल में रहना होगा। बुधवार को सेंट्रल जेल में बनाई विशेष कोर्ट में अनुसूचित जाति-जनजाति कोर्ट के विशेष जज मधुसूदन शर्मा ने 453 पेज के फैसले में आसाराम को पॉक्सो एक्ट समेत आइपीसी की 14 धाराओं में दोषी करार दिया और उस पर तीन लाख दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। आसाराम के सहयोगी छिंदवाड़ा गुरुकुल आश्रम के प्रिंसिपल शरतचंद्र व छात्रावास की वार्डन शिल्पी गुप्ता को 20-20 साल कैद व एक-एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माने की रकम पीडि़ता को दी जाएगी।

जुर्म इतना घिनौना
वहीं इस मामले के सह आरोपी आसाराम के प्रमुख सेवादार शिवा व रसोइया प्रकाश द्विवेदी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। पॉक्सो एक्ट में पहली बार इतनी बड़ी सजा सुनाई गई है। आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल की बैरक नंबर दो में रहेगा और उसकी नई पहचान अब कैदी नंबर 130 होगी। विशेष कोर्ट में सुबह 9 बजे न्यायाधीश मधुसूदन, दोनों पक्षों के वकील व अधिकारी पहुंचे। सुबह पौने 11 बजे आरोपी शिवा तथा प्रकाश को बरी कर दिया गया, जबकि आसाराम, शिल्पी व शरद को दोषी करार दिया गया। जज ने बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं को सजा के बिंदु पर बहस करने के लिए कहा। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने लगातार एक घंटे तक बहस की। बचाव पक्ष की ओर से दी गई दलीलों को दरकिनार करते हुए न्यायाधीश शर्मा ने दोपहर 2.05 बजे सजा सुनाई। आसाराम के वकील सज्जनराज सुराणा ने उम्र का हवाला देकर सजा कम करने की अपील की। वहीं, इसका विरोध करते हुए पीडि़ता के वकील पीसीसोलंकी ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की अपील की।
इन धाराओं में सजा

आसाराम पुत्र थेऊमल : आइपीसी धारा 370-4 में 10 वर्ष कठोर कारावास, एक लाख जुर्माना। धारा 342 के तहत एक वर्ष की सजा व एक हजार रुपए जुर्माना। धारा 506 के तहत भी एक वर्ष की सजा व एक हजार रुपए का जुर्माना। धारा 376 डी के तहत 20 वर्ष की कैद तथा एक लाख रुपए का जुर्माना। धारा 376-2-एफ के तहत उम्रकैद। फैसले में लिखा है कि आसाराम को शेष जीवन जेल में रहना होगा। इसी धारा में लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। किशोर न्याय अधिनियम की धारा 23 के तहत आसाराम को छह माह की सजा। शिल्पी व शरदचंद को आइपीसी की धारा 370 (4)- सपठित 120-बी के तहत दस-दस साल की सजा तथा 50-50 हजार रुपए का जुर्माना। धारा 376 (डी) के तहत दोनों को बीस-बीस साल की सजा 50-50 हजार का जुर्माना।

12 बार खारिज हुई जमानत : आसाराम के खिलाफ सूरत में भी रेप का एक मामला चल रहा है। इसी महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अभियोजन पक्ष को 5 सप्ताह के भीतर ट्रायल पूरा करने का आदेश दिया था। सितंबर, 2013 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद आसाराम ने निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक 12 बार जमानत याचिकाएं दाखिल कीं, राम जेठमलानी , सुब्रमण्यन स्वामी और सलमान खुर्शीद जैसे वकील भी लगाए लेकिन सफलता नहीं मिली। आसाराम पर गुजरात में भी दुष्कर्म का एक मामला चल रहा है। इसके अलावा, लखनऊ के राहुल सचान पर जोधपुर कोर्ट में गवाही के दौरान हमला हुआ। पानीपत के महेंद्र चावला को गोली मारकर घायल कर दिया। सूरत में गवाह विमलेश ठक्कर और एक महिला गवाह के पति पर हमला हुआ। दो अन्य गवाहों पर भी हमला हुआ। पीडि़ता के पिता पर जोधपुर में भी हमले की कोशिश हुई।

3 गवाहों की हत्या : आसाराम के खिलाफ गवाही देने वाले मुख्य गवाह वैद्य अमृत प्रजापति की मई 2014 में हत्या कर दी गई। कृपाल सिंह और अखिल गुप्ता की भी गोली मारकर हत्या की गई। इसके अलावा, लखनऊ के राहुल सचान पर जोधपुर कोर्ट में गवाही के दौरान हमला हुआ। पानीपत के महेंद्र चावला को गोली मारकर घायल कर दिया। सूरत में गवाह विमलेश ठक्कर और एक महिला गवाह के पति पर हमला हुआ। दो अन्य गवाहों पर भी हमला हुआ। पीडि़ता के पिता पर जोधपुर में भी हमले की कोशिश हुई।

27 दिन की लगातार गवाही टर्निंग पॉइंट : दुष्कर्म पीडि़ता उप्र के शाहजहांपुर की है। आसाराम के समर्थकों ने उसे और परिवार को बयान बदलने के लिए बार-बार धमकाया। यूपी से जोधपुर आकर पैरवी करने के चक्कर में उसके पिता को ट्रक तक बेचने पड़े। जांच अधिकारी को बचाव पक्ष के वकीलों ने बार-बार कोर्ट में बुलवाया। एक गवाह को 104 बार बुलवाया। लडक़ी पर गंदे आरोप लगाए गए। फिर भी 27 दिन की जिरह के दौरान पीडि़ता बयान पर कायम रही। उसने 94 पन्नों में बयान दर्ज कराया। जांच अधिकारी ने भी 60 दिन तक हर धारा पर ठोस जवाब दिए। 204 पन्नों में उनके ये बयान दर्ज हुए।