
Bilaspur High Court: प्रदेश की जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी, उनके रहन-सहन और उनके बीच संघर्षों को लेकर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जेल डीजी की ओर से यह बताने पर कि बिलासपुर और रायपुर में स्पेशल जेल बनवाई जा रहीं हैं, चीफ जस्टिस ने पूछा कि स्पेशल जेल क्या होती है?
उन्होंने जेल के भीतर कानून व्यवस्था की स्थिति सही बनाए रखने के निर्देश दिए और इस संबन्ध में जेल डीजी को जवाब प्रस्तुत करने को कहा। प्रदेश में जेलों की स्थिति और कैदियों के बीच संघर्ष को लेकर स्वत: संज्ञान जनहित याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने स्पेशल जेल के बारे में प्रश्न पूछे। इसके अलावा जेलों के भीतर लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के निर्देश दिए।
सुनवाई में पुलिस महानिदेशक (जेल) ने 2018 से लेकर 2024 तक जेलों के निर्माण और कैदियों की संया की स्थिति को लेकर तुलनात्मक सुधार का ब्यौरा पेश किया गया। प्रदेश में नई जेलों के निर्माण में देर को लेकर याचिकाकर्ता के वकील ने अपना पक्ष रखा। वहीं कोर्ट ने निर्माणाधीन जेल की समय सीमा को लेकर निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी 2025 को तय की गई है।
चीफ जस्टिस की बेंच के 5 नवंबर 2024 के आदेश की परिपालन में पुलिस महानिदेशक जेल ने शपथपत्र प्रस्तुत किया। इसमें 2018 और वर्तमान स्थिति में जेलों के निर्माण और कैदियों की संख्या का विवरण था। इसमें यह तथ्य निकलकर आया कि वर्तमान में 33 नए बैरक 8 जेलों में निर्माणाधीन हैं। जिसकी क्षमता 1650 होगी। वहीं बेमेतरा में 2000 कैदियों के लिए ओपन जेल बनाई जा रही है।
Published on:
27 Nov 2024 04:18 pm
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