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CGPSC मामले में HC कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- अफसर का बेटा शीर्ष पद पर चयनित हो सकता है, लेकिन यह संयोग बहुुत गलत

CGPSC Case in Highcourt : मंगलवार को इस मामले में कुछ अतिरिक्त जानकारी नहीं आ पाई। साथ ही नियुक्त लोगों को पक्षकार भी नहीं बनाया गया था...

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बिलासपुर. CGPSC Case in Highcourt : पीएससी के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर और अन्य बड़े पदों पर अफसरों और सत्तारूढ़ दल के करीबियों के बेटे-बेटियों की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सख्त टिप्पणियां की हैं। मंगलवार को इस मामले में कुछ अतिरिक्त जानकारी नहीं आ पाई। साथ ही नियुक्त लोगों को पक्षकार भी नहीं बनाया गया था। इस कारण सुनवाई बुधवार को होगी। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिका में दी गई 18 सफल प्रतिभागियों की सूची देखी और कहा कि यह जरूर हो सकता है कि किसी अफसर का कोई प्रतिभावान अभ्यर्थी शीर्ष पद पर चयनित हो सकता है लेकिन यह संयोग बहुत गलत है कि पीएससी चेयरमैन के बेटे, राजभवन में सचिव आईएएस अधिकारी के बेटे-बेटी और सत्तारूढ़ दल के करीबी 18 लोग टॉप लिस्ट में हैं।

CGPSC Case in Highcourt : बता दें कि 11 मई 2023 की रात को सीजीपीएससी 2021 के परिणाम जारी किए गए। इंटरव्यू पिछले साल सितंबर महीने में हो चुके थे। पर आरक्षण पर हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए सूची जारी नहीं की गई। सुप्रीम कोर्ट से उस आदेश पर स्थगन मिलने के बाद यह सूची जारी की गई।

सवाल-पीएससी के चेयरमैन को क्यों नहीं बनाया पार्टी
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से पूछा कि आपने पीएससी के चेयरमैन को पार्टी क्यों नहीं बनाया? याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि इससे अनुच्छेद 315 प्रभावित हो रहा है। इसलिए शामिल नहीं किया। चीफ जस्टिस ने कहा कि इनकी (18 लोगों की) नियुक्ति रोक दीजिए। ऐसा कहते हुए वे आर्डर डिक्टेक्ट भी करने लगे। लेकिन इसी दौरान चीफ जस्टिस ने फिर जानना चाहा कि इनकी नियुक्ति हुई है या नहीं। इस पर याचिकाकर्ता के वकील को स्पष्ट जानकारी नहीं थी। चीफ जस्टिस ने कहा कि स्टेटस जानना है कि नियुक्ति हुई है या नहीं। साथ ही यह भी कहा कि सिर्फ इन पर विचार करेंगे। बाकी नियुक्तियों पर नहीं, उनकी जिंदगी से क्यों खेलें। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अभी बहुत सी प्रक्रिया बाकी है, जिसमें ट्रेनिंग और शारीरिक परीक्षण शामिल है। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप इन 18 लोगों को भी प्रतिवादी बनाइये। पीएससी की ओर उपस्थित अधिवक्ता से चीफ जस्टिस ने जानना चाहा कि आपका क्या कहना है। उन्होंने कहा कि मैं निर्देश क्या होगा, यह देख रहा हूं। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कोई आदेश नहीं देते हुए बुधवार को इस मामले की आगे सुनवाई तय की है।

पूर्व मंत्री कंवर ने दायर की है याचिका
मालूम हो कि भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पीएससी 2021 के चयन में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और रेवड़ियों की तरह बांटे गए पदों की जांच की मांग की है। हाईकोर्ट में मंगलवार को इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई।


इनके नाम पर है आपत्ति
12 मई 2023 की सुबह से ही सवालों से पूरी सूची घिर गई। सूची के टॉप 20 में जो नाम थे, वे बड़े अधिकारियों, बिजनेसमैन या फिर कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदार हैं। पहले क्रम पर प्रज्ञा नायक हैं, जिनके पिता तो शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं लेकिन इनके चाचा प्रकाश नायक पुलिस विभाग में एसपी रैंक के अधिकारी और राजनांदगांव में पदस्थ हैं। प्रज्ञा के भाई प्रखर नायक को भी टॉप टेन में जगह मिली। दूसरे नंबर में शामिल अनन्या अग्रवाल एक बड़े कारोबारी परिवार की सदस्य है। इसके बाद शशांक गोयल और भूमिका कटिहार का नाम था। ये दोनों पति-पत्नी हैं जो कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी और दामाद हैं। सातवें रैंक पर नितेश का नाम आया। इनका सरनेम उजागर नहीं किया गया। यह पीएससी के चेयरमैन टोमन सोनवानी का दत्तक पुत्र है। राज्यपाल के सचिव, (जिन्हें हाल में सेवानिवृत्ति के बाद एक्सटेंशन मिल गया है) अमृत खलखो की बेटी नेहा और बेटा निखिल का नाम आया। ये नौवें और 12 नंबर पर आए। 11वें नंबर पर साक्षी ध्रुव का नाम शामिल था, जो आईपीएस केएल ध्रुव की बेटी है। ध्रुव अभी बस्तर में आईजी रैंक के अधिकारी हैं। 16वें नंबर पर स्वर्णिम शुक्ला का नाम था, जो बिलासपुर कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बेटे हैं।