CG Election News: नाम वापसी के लिए सिर्फ गुरुवार का दिन बाकी है।
बिलासपुर। CG Election News: नाम वापसी के लिए सिर्फ गुरुवार का दिन बाकी है। अब मान-मनौव्वल का दौर शुरू हो चुका है। कई विधानसभा में पार्टी के प्रत्याशी बागी होकर निर्दली प्रत्याशी के रूप में खड़े हो गए हैं। इनको मनाया जा रहा है और लॉलीपॉप के वादे भी किए जा रहे हैं, ये तो बागी की बात हुई परेशानी भितरघातियों से होने वाली है जो लगभग मैदान में सक्रिय हो चुके हैं, अपनी गोटी भी जमानी शुरू कर दी है।
बगावत कर अधिकतर दूसरी पार्टी से बन गए हैं प्रत्याशी
बेलतरा: असंतुष्ट सेट कर रहे अपनी गोटी
वर्तमान में बेलतरा विधानसभा काफी हॉट सीट मानी जा रही है। इस सीट में 24 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि अभी एक दिन नाम वापसी को बाकी है। वर्तमान में स्थिति यह है कि टिकट नहीं मिलने का दर्द इतना गहरा हो गया है कि नेता खुलकर काम करने की बजाए उलटी चाल चल रहे हैं। ऐसे हालात इधर भी हैं और उधर भी हैं। कुछ पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनकी पूछ परख नहीं है। इस वजह से काम नहीं कर रहे हैं, तो कुछ लोगों के बीच चर्चा है कि हमारे विरोधी को टिकट मिली है। हलांकि इन सभी की रिपोर्ट ऊपर तक जा रही है, लेकिन तात्कालिक स्तर पर इनकी सेंधमारी जारी है।
कुछ विधानसभा में तो ये दिख भी रहा है कि पार्टियों में जो प्रत्याशी खड़े हुए उनके लिए पदाधिकारी काम नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें टिकट नहीं मिली है। वह उस प्रत्याशी के लिए मदद करने को तैयार नहीं है। ऐसे में पूरी संभावना बन गई है कि ये भले शांत हों पर भीतरघात से बाज नहीं आएंगे। बता दें कि मस्तूरी विधानसभा में अब तक कुल 13 प्रत्याशी मैदान आए हैं। ये अपनी जीत का दावा तो कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि कई लोग सिर्फ वोट काटने के लिए खड़े हुए हैं, तो कुछ बागी प्रत्याशी बनकर दूसरी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
इसके अलावा उनकी ही पार्टी में रहते हुए कुछ तो दूसरों के लिए चुपके से काम कर रहे हैं। ताकि वह प्रत्याशी न जीते। कोटा विधानसभा में तो जबरदस्त तोड़-फोड़ चल रही है यहां तो एक पार्टी के कार्यकर्ता दनादन दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। इसके कारण अब स्थिति त्रिकोणीय की बजाए सीधी टक्कर वाली बन गई है। यहां कुल 18 प्रत्याशी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उतरे हैं। वहीं बिल्हा विधानसभा में टिकट नहीं मिलने से पार्टी के नेता खूब नाराज हैं। अलग-अलग प्रत्याशी अपनी उपलब्धियां गिना रहे हैं और पार्टी के लिए सिर्फ काम पर ही उपस्थित हो रहे हैं।
बिलासपुर: पदाधिकारियों से नाराजगी
बिलासपुर विधानसभा सीट को प्रदेश के बड़े सीटों में जाना जाता है। यहां भी स्थिति कुछ ऐसी है कि एक पार्टी के कार्यकर्ता दूसरे के लिए काम कर रहे हैं। इससे भितरघात होने की संभावना अधिक हैं। यहां उनकी ही पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने की नहीं बल्कि कैसे हराया जाए। इसकी रणनीति बना रहे हैं। कई लोग एक दूसरे के लिए काम करना भी शुरू कर चुके हैं।