
बिलासपुर. CG fraud: हैलो, मैं साइबर सेल से बोल रहा हूं। आपकी बेटी पुलिस कस्टडी में है, उसके पास ड्रग्स थी, पेमेंट कर दो छोड़ देंगे। अगर आपके पास भी इस तरह के कॉल्स आएं तो संभल जाएं। ऐसे फ्रॉड कॉल्स आजकल कई लोगों के पास पहुंच रहे हैं। इनमें अधिकतर लोगों को उनके परिवारजनों के मुसीबत में होने का हवाला देकर पैसों की डिमांड (CG crime) की जाती है।
हम आपको बता दें कि कॉल करने वाले (CG crime) इतने शातिर हैं कि सोचने-समझने का समय भी नहीं देते। परिवारजनों के नाम व उनके बारे में पूरी जानकारी वे पहले ही जुटा चुके होते हैं, जिससे उनके मुसीबत में फंसे होने को लोग अक्सर सच मान लेते हैं।
कई परिवार झांसे में आकर पैसे गंवा चुके हैं तो कुछ ने सूझबूझ से हकीकत पता कर ली, जिससे वे इस फ्राॉड से बच गए। लेकिन, ऐसे विदेशी नंबरों से आने वाले कॉल्स से सावधान रहने की जरूरत है, नहीं तो मेहनत की कमाई गंवा देंगे।
फ्रॉड कॉल आने पर तुरंत थाने में शिकायत करें। अगर कभी कॉल पर पर्सनल जानकारी शेयर करने को कहा जाए तो कभी भी न करें। ऐसे कॉल से सतर्क रहें, इस तरह की किसी भी घटना को साइबर क्राइम पोर्टल- https//cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करवाएं। इसके लिए संचार साथी पोर्टल (www.sancharsaathi.gov.in) की ’चक्षु-संदिग्ध धोखाधड़ी संचार रिपोर्ट’ पर शिकायत दर्ज कराएं।
+92 पाकिस्तान का कंट्री कोड है, जबकि सभी स्थानीय कॉल भारत का कंट्री कोड 91 से शुरू होता है। वहीं, वॉट्सएप का उपयोग इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि इस पर कॉल रिकॉर्ड नहीं होता है। प्लस 92 के अलावा भी किसी विदेशी नंबर से वॉट्सएप कॉल्स आए तो ऐसी कॉल्स उठाने से बचना चाहिए।
सरकंडा के व्यक्ति के पास कॉल आया कि तुम्हारी बेटी पुलिस कस्टडी में है। उसके पास ड्रग्स मिली है। अब रिपोर्ट दर्ज हो रही है। सेटलमेंट करना है तो ऑनलाइन पेमेंट कर दो। उस व्यक्ति ने बिना घबराए दूसरे फोन से बेटी को कॉल किया तो वह कॉलेज में थी।
देवनंदन नगर के एक मीडियाकर्मी के पास पाकिस्तानी नंबर से कॉल आया कि उनका बेटा छेड़छाड़ के मामले में थाने में बंद है। मामला रफा-दफा करने 10 लाख रुपए की डिमांड की गई। जब उन्होंने इसे फ्रॉड कहा तो अपशब्द कहते हुए कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।
कॉल को वेरीफाई करें
आमतौर पर पुलिस, सरकारी एजेंसी और अधिकारी कॉल करके धमकाते नहीं हैं। अगर आपको ऐसा कोई कॉल आता है तो पहले कॉल करने वाले की पहचान वेरीफाई करें।
व्यक्तिगत जानकारी कभी न दें
इस तरह के फर्जी कॉल आने पर किसी भी परिस्थिति में अपनी गोपनीय जानकारी नहीं दें, खासतौर पर बैंक खाते, पैन कार्ड या आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी।
कागजात की मांग करें
जब भी इस तरह के आपराधिक केस के आरोप लगाए तो पुष्टि के लिए ऑफिशियल चैनल से जुड़ी सरकारी एजेंसियों या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश करें।
Published on:
06 Aug 2024 06:09 pm
बड़ी खबरें
View Allबिलासपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
