Malaria Case 2024: बिलासपुर के कोटा ब्लॉक में एक और संदिग्ध मलेरिया पीड़ित बच्चे की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि सरकारी अस्पताल में खून जांच करने से मना कर दिया था। लिहाजा समय पर इलाज न हो पाने की वजह से उसकी मौत हो गई। इस पर गुस्साए ग्रामीणों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बेलगहना के सामने शव रख कर प्रदर्शन किया। पुलिस की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।
कोटा जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत कहीकछार में सोमवार को 9 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मां दुर्गा बसोर का आरोप है कि बेलगहना प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में शनिवार को इलाज के लिए तेज बुखार से पीड़ित बच्चे को ले गई थी। अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने खून जांच के लिए (Malaria Alert in Chhattisgarh) पर्ची लिखी। इसे लेकर वो खून जांच के लिए अस्पताल के लैब गई। यहां से उसे लैब टेक्नीशियन ने भगा दिया। इस वजह उसका इलाज नहीं हो पाया। बुखार कम नहीं हुआ और सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई।
घटना की जानकारी होने पर गुस्साए ग्रामीण बच्चे के शव को लेकर बेलगहना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहां दरवाजे पर शव को रख कर विरोध प्रदर्शन किया। डॉक्टरों व पुलिस की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।
बच्चे के खून की जांच नहीं हुई थी, लिहाजा अभी यह कहना सही नहीं होगा कि उसकी मौत मलेरिया की वह से हुई है। मामले की हर तरह से जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर लैब टैक्नीशियन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कोटा इलाके में मलेरिया से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 178 मरीज मलेरिया पीड़ित मिल चुके हैं। इसके अलावा डायरिया का प्रकोप भी जारी है। अब तक डायरिया के 968 मरीज मिल चुके हैं। बता दें कि इससे पहले 18 जुलाई को मलेरिया से टेंगनमाड़ा के पास ग्राम करवा में दो सगे भाइयों की मौत हो गई थी।
Updated on:
13 Aug 2024 02:33 pm
Published on:
13 Aug 2024 02:28 pm