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ये सरकारी ढर्रा है- संसद में गूंजा, विधायक ने लगाई जोर, सीएम ने की घोषणा, शहर दे रहा धरना, पर होता कुछ नहीं

locationबिलासपुरPublished: Jan 15, 2020 01:43:14 pm

Submitted by:

Murari Soni

chakarbhata airport: कम से कम अगले छह माह तक विमान सेवा चालू होने की कोई उम्मीद नहीं

ये सरकारी ढर्रा है- संसद में गूंजा, विधायक ने लगाई जोर, सीएम ने की घोषणा, शहर दे रहा धरना, पर होता कुछ नहीं

ये सरकारी ढर्रा है- संसद में गूंजा, विधायक ने लगाई जोर, सीएम ने की घोषणा, शहर दे रहा धरना, पर होता कुछ नहीं

बिलासपुर . सरकारी ढर्रा क्या है और इसमें काम कैसे रेंगता है इसे देखने के लिए आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं। बिलासपुर की हवाई सेवा को देख लीजिए आप बेहतर समझ जाएंगे। संसद में गूंजा, विधायक ने जोर लगाई, सीएम ने घोषणा की, एयरपोर्ट अधिकारियों ने ट्वीट किया, पूरा शहर धरने पर बैठा है पर मजाल है कि एयरपोर्ट का काम एक इंच का सेंटीमीटर भी बढ़ा हो, पूछने पर सब कहते हैं प्रक्रिया जारी है।
ये तो हद हो गई है, जिस मामले में केंद्र, राज्य, बड़े-बड़े दिग्गज जनप्रतिनिधि, अधिकारी और तो और पूरा शहर लगा हुआ है वो काम ही आज तीन माह होने को आए एक इंच आगे नहीं बढ़ सका है। सांसद अरुण साव ने मामले को लोकसभा में उठाया, सीएम को पत्र लिखा, इधर विधायक शैलेष पांडेय ने विधानसभा में मामले को उठाया, दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री से मिल आए तो सीएम ने इसकी घोषणा भी कर दी पर नतीजा कुछ नहीं निकला है। सी 3 श्रेणी स्तर का हवाई अड्डा बनाने रकम की जरूरत पड़ी । राज्य सरकार ने यह रकम देने की घोषणा कर आदेश जारी कर दिया पर यह रकम अब तक पहुंची नहीं है। वर्तमान में जो हालात हैं उसके अनुसार सरकारी ढर्रे की पटरी पर दौड़ रही हवाईसेवा एक्सप्रेस अगले छह माह तक अपने मंजिल तक पहुंचेगी इसको लेकर संदेह ही है।
इन सभी प्रयासों के बीच राजननितिक रोटी जरूर सेंकी गई। कभी राज्य सरकार की मंशा पर ऊंगलियां उठाई गई तो कभी केंद्र सरकार की पहल को आड़े हाथों लिया गया। लेकिन अंतिम सत्य है कि बिलासपुर से हवाई सेवा चालू होने की अगले 6 माह तक कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रहीं है।
29 करोड़ की घोषण हुई, पहुंचा सिर्फ आदेश, राशि कहां है?
सी 3 श्रेणी के चकरभाठा हवाई अड्डा बनाने के लिए 29 करोड़ जरूरत बताई गई। मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी। इस घोषणा के कुछ दिन बाद राशि जारी करने की खबर भी आई । खूब ढिंढोरा पीटा गया पर जब वास्तविकता का पता लगाया गया तब पता चला कि सिर्फ आदेश पहुंचा है राशि नहीं आई है।
अब यदि राशि आई तो

हवाई अड्डे के विस्तार के लिए राशि यदि आज के डेट में आती है तो इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें अगर कोई टेंडर नहीं डाला गया तो दोबारा प्रक्रिया अपनाई जाएगी। ऐसा नियम है। इस टेंडर प्रक्रिया में ही अमूमन दो माह और लग जाएंगे। फिर जिसे ठेका मिलेगा उसे कम से कम 6 माह का समय कार्य पूरा करने के लिए दिया जाएगा। जरूरी नहीं ठेका लेने वाला तय अवधि में कार्य पूरा करें। फिर एयरपोर्ट अॅथारिटी के अफसरों का निरीक्षण का दौर चलेगा। इसके लिए कभी दिल्ली तो कभी मुबंई तो कभी कोलकाता से दल आएंगे। तीन दल तीन तरह के सुझाव देंगे। पूर्व में भी ऐसा हो चुका है। इस पूरी प्रक्रिया में 6 माह आसानी से गुजर जाएगा।

रूट के टेंडर होंगे

विमान सेवा के रूट के लिए टेंडर होगा। कोई कंपनी इस रूट के लिए दिलचस्पी दिखाई ऐसा जरूरी नहीं है। इसके पहले सालभर ऐसी ही प्रक्रिया में निकल गया।
अब तो ये बहाना भी नहीं चलेगा
सरकार के पास अब तो ये बहाना भी नहीं है कि लोकसभा का सत्र चलेगा तो मामला उठेगा, विधानसभा रन करेगी तो बात होगी क्योंकि मामला लोकसभा में भी उठा, विधानसभा में भी उठा, वहीं आधा से ज्यादा वीत्तिय वर्ष बीत चुका है इसके बाद भी सिर्फ और सिर्फ हवाईसेवा का झुनझुना ही बज रहा है।
क्या इनका भी असर निस्तेज

हैरानी होती है कि जिस आंदोलन में जिले के पांचों विधायक, मंत्री, सांसद, पूर्व महापौर, दोनों दलों के दिग्गज कहे जाने वाले लोग, वर्तमान मेयर, सभापति, वकील, डाक्टर, शिक्षक, कर्मचारी, छात्र सभी शामिल हो चुके हैं, सबने इसकी मांग को अपना समर्थन दिया है इसके बाद भी किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। अब प्रजातांत्रिक व्यवस्था और कितना समर्थन चाहती है सरकार, अब नागरिक और किस विधि से मुद्दे को उठाएं।
सीधी बात
बीएस उइके एडीएम व प्रभारी चकरभाठा हवाई अड्डा

0. 29 करोड़ रुपए हवाई सेवा विस्तार के लिए मिल गए क्या

00. अभी सिर्फ आदेश आया है, राशि नहीं आई है

0. काम का क्या होगा
00. राशि मिलेगी तब टेंडर की प्रक्रिया पूरी होगी
0. कब से टेंडर अनुमानित है

00. यह राशि आने पर निर्भर है, टेंडर में कौन कौन भागीदारी करता है इस पर निर्भर है

0 पूरे कार्य में कितने दिनों का समय लग सकता है
00. अगर इसी माह से टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी तो कम से कम 5-6 माह लगेंगे
सीधी बात

बिरेन सिंह , एयरपोर्ट डायरेक्टर,चकरभाठा बिलासपुर
0. हवाई सेवा कब से शुरू होगी

00. कुछ नहीं कह सकते है , अभी बिड (टेंडर ) लगा है

0. कब तक खुलेगा
00. यह केंद्र सरकार का उड्डयन मंत्रालय ही पता पाएगा
0. कितने लोगों ने बिलासपुर से विमान सेवा के लिए टेंडर डाले है

00. इसकी जानकारी नहीं है। यह टेंडर खुलने के बाद ही पता चल पाएगा
0. सी 3 श्रेणी बनाने के लिए क्या करने जा रहे

00. काम चल रहा है, यह कार्य बारिश से पूर्व होने की उम्मीद है

सीधी बात- अरुण साव- सांसद बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र
0 आपने चुनावी घोषणा पत्र में हवाई सेवा शुरू कराने का दावा किया था क्या हुआ, दिक्कत क्या है।
00 मैंने सांसद बनने के बाद लोकसभा में सबसे पहले बिलासपुर से हवाई सेवा शुरू कराने की मांग रखी थी। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इसके लिए प्रक्रिया की जा रही है। दिक्कत कुछ नहीं है प्रक्रिया चल रही है।
हवाई सेवा की मांग को लेकर अखंड धरना को 80 दिन हो गए

00 हां आज मैं भी धरने में गया था वहां मैने इसके लिए शासन और प्रशासन स्तर पर की जा रही कार्रवाई और प्रयास की जानकारी दी है।
0 आपने अभी तक हवाई सेवा शुरू कराने के लिए क्या प्रयास किया।
00 3 बार संसद में मांग रखी, 3 बार केंद्रीय विमानन मंत्री से भेंट कर मांग रखी, 2 बार मुख्यमंत्री को पत्र भेजा, राशि स्वीकृत हो गई रिस्पांस भी मिल रहा है आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
आखिर बिलासपुर से हवाई सेवा कब शुरू होगी

00 समय बता पाना संभव नहीं है, इसके लिए तेजी से प्रयास किया जा रहा है, थ्री सी कैटेगेरी के आवश्यक निर्माण के लिए कार्रवाई प्रक्रियाधीन है, जैसे ही इसका कार्य पूर्ण होगा लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे। बस यही कह सकता हूं कि अब बहुत ज्यादा विलंब नहीं है।
0 आपने चेंबर ऑफ कॉमर्स की बैठक में फरवरी तक हवाईसेवा शुरू कराने आश्वस्त किया था।
00 ऐसा नहीं है मिस अंडरस्टैंडिंग हो गई। इतना जल्द संभव नहीं है पर जल्द ही होगा।

पत्रिका व्यू- पहचानो हमारे सविनय को

वर्तमान दौर में ये चलन बन गया है कि जब तक उग्र प्रदर्शन न हो तब तक सरकारें सुनती नहीं हैं। लेकिन हमारे शहर और यहां के लोगों का धैर्य काबिले तारीफ है। 80 दिन हो गए पर हवाई सेवा की मांग के लिए हमने शांति व अहिंसा की राह नहीं छोड़ी है। चाहे तेज धूप हो, बारिश हो या सर्दी धरना अनवरत अपनी सीमा और प्रतिज्ञा के साथ जारी है। सरकार को भी कम से कम इस आंदोलन में छिपे सविनय, अहिंसा और शांति को पहचानकर उसका सम्मान करते हुए इस दिशा में त्वरित कदम उठाने चाहिए और ये उदाहरण सेट करना चाहिए कि शांतिपूर्ण आंदोलन कमजोर नहीं होते कि असरकारक नहीं होते।

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