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बिलासपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बिलासपुर व सरगुजा संभाग अन्तर्गत सक्ती, जांजगीर-चांपा, चंद्रपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली तानाखार, अंबिकापुर व प्रतापपुर विधानसभा सीटों पर एक जैसे हमनाम प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में उतरने से मामला दिलचस्प हो गया है। हम नाम प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में उतरने से प्रमुख राजनीतिक दलों में शुमार भाजपा, कांग्रेस, बसपा के उम्मीदवारों का चुनावी समीकरण बदल गया है। एक जैसे नामों के प्रत्याशी होने से उम्मीदवार सकते में हैं कि कहीं उनका वोट दूसरे को पड़ जाने से रिजल्ट न बदल जाय।
जांजगीर-चांपा पत्रिका प्रतिनिधि के अनुसार वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में महासमुंद सीट से भाजपा को मात देने के लिए अजीत जोगी ने दस चंदूलाल साहू को मैदान में उतारा था। अब विधानसभा चुनाव में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। सक्ती विधानसभा सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री व भाजपा उम्मीदवार मेघाराम साहू के खिलाफ मेघाराम सहू, चंद्रपुर सीट से जकांछ के बाद बसपा में शामिल हुई गीतांजलि पटेल के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी गीतांजलि पटेल हैं। जबकि चंद्रपुर सीट से ही कांग्रेस प्रत्याशी रामकुमार यादव के खिलाफ रामकुमार यादव मैदान में है।
जांजीगर-चांपा विधानसभा की दो सीटों पर एक नाम वाले मिलते-जुलते 6 प्रत्याशी मैदान में हैं। अगर बात करें चंद्रपुर सीट से की को यहां बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही गीतांजलि पटेल को भाजपा, कांग्रेस, एनसीपी के साथ अपने हमनाम गीतांजलि पटेल से भी मुकाबला करने की चुनौति होगी जिन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में इस चुनावी दंगल में हैं। चंद्रपुर सीट से गीतांजलि के अलावा कांग्रेस उम्मीदवार रामकुमार यादव से इससे अछूते नहीं हैं। राम कुमार को भी विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों के साथ अपने हमनाम व निर्दलीय प्रत्याशी रामकुमार यादव से टक्कर होगी। कुछ ऐसा ही हाल जिले के सक्ती सीट का है। यहां भाजपा केे प्रत्याशी व पूर्व कैबिनेट मंत्री मेघाराम साहू के खिलाफ एनसीपी ने मेघाराम साहू को टिकट दिया है।
कांग्रेस के तीन प्रत्याशियों के सामने अब भाजपा के साथ ही 'हमनाम’ से भी लड़ाई
हाइप्रोफाइल अंबिकापुर सीट व प्रतापपुर विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ उनके हमनाम भी निर्दलीय के रूप में अभी तक चुनावी ताल ठोकते नजर आ रहे हैं। अंबिकापुर सीट के प्रत्याशी टीएस सिंहदेव के खिलाफ जहां शंकरगढ़ के जनता कांग्रेस से टीएस सिंह ने नामांकन दाखिल किया है। वहीं प्रतापपुर सीट के कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. प्रेमसाय सिंह के खिलाफ प्रेमसाय के नाम के तीन उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है। कुल मिलाकर कांग्रेस के घोषित उम्मीदवारों को अपने प्रतिद्वंद्वी दल भाजपा व अन्य पार्टी को हमनामों से भी मुकाबला करना होगा।
अजीत जोगी ने की थी शुरुआत
छत्तीसगढ़ में एक जैसे मिलत-जुलते नाम के उम्मीदवार उतारने की शुरुआत सबसे पहले वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अजीत जोगी (उस समय कांग्रेस मे थे) ने की थी। महासमुंद से भाजपा प्रत्याशी चंदूलाल साहू के खिलाफ जोगी ने दस निर्दलीय चंदूलाल साहू को मैदान में उतारा था। यह मामला काफी हाई प्रोफाइल होने के बाद आयोग के आदेश पर मिलते-जुलते नाम वाले प्रत्याशी की जांच भी हुई थी।
स्क्रूटनी में भी सुरक्षित
भाजपा के मेघाराम, बसपा की गीतांजलि व कांग्रेस के रामकुमार के खिलाफ मिलते-जुलते नाम वाले उम्मीदरवार स्क्रूटनी में भी सुरक्षित हैं। स्क्रूटनी में जिन दस उम्मीदवारों की उम्मीदवारी को निरस्त किया गया है। उसमें मिलते-जुलते नामों वाले प्रत्याशी नहीं हें। इसकी पुष्टि, शनिवार को जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में भी की गई है। ऐसे में, मेघाराम, गीतांजलि व रामकुमार के वोट बैंक में सेंधमारी के साथ मुश्किलें बढऩे की बात भी कही जा रही है।
कोरबा में चार हमनाम प्रत्याशी, पार्टियों ने नाम के बजाए अब चुनाव चिन्ह पर जोर
कोरबा जिले में भाजपा-कांग्रेस के कुल चार प्रत्याशियों के हमनाम मैदान में उतरे हैं। कोरबा विधानसभा से भाजपा ने विकास महतो को उतारा है। विकास महतो के नामाकंन के दो दिन बाद शहर के मुड़ापार बस्ती में रहने वाले विकास कुमार महतो ने भी फार्म भरा है। अब तक भाजपा कोरबा मेें विकास महतो के नाम से वोट से मांग रही थी। अब पार्टी और कमल चुनाव चिह्न के नाम पर वोट मांगना शुरू कर दिया है। पार्टी को डर है कि एक ही नाम से प्रत्याशी के उतरने से कहीं वोट डायवर्ट ना हो जाएं। इसी तरह कटघोरा से भाजपा प्रत्याशी लखनलाल देवांगन के हमनाम ने कोरबा विधानसभा से नामाकंन जमा किया है।
कटघोरा से कांग्रेस प्रत्याशी पुरुषोत्तम कंवर के हमनाम से पुरुषोत्तम सिंह कंवर भी मैदान में है। निर्दलीय हमनाम प्रत्याशी के नामांकन भरने से कटघोरा में अब चर्चा का विषय बन चुका है। कटघोरा में कंवर वोट सबसे अधिक हैं। इसी तरह कांग्रेस से तीन बार विधायक रहे रामदयाल उइके के भाजपा प्रवेश के बाद पार्टी ने उनको पाली तानाखार से टिकट दिया है। उइके के हमनाम रामदयाल उइके ने भी आखिरी दिन नामांकन जमा करके पाली तानाखार में समीकरण बिगाडऩे की कोशिश की गई है।
Published on:
04 Nov 2018 01:34 pm
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