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छत्तीसगढ़ की झलक दिखेगी उडि़सा के जौन परव में

छत्तीसगढ़ की की लोककला व संस्कृति बिखरेगी उडि़सा में.

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छत्तीसगढ़ की झलक दिखेगी उडि़सा के जौन परव में

बिलासपुर. डॉ.सीवी रामन् विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एआईयू सेंट्रल जोन के इंटर यूनिवर्सिटी युवा महोत्सव में भाग लेने 6 जनवरी को रवाना होंगे हैं। इस वर्ष यह आयोजन संबलपुर विवि उडि़सा में 7 जनवरी से 11 जनवरी 2019 तक आयोजित किया गया है। उत्साह-उमंग और सब कुछ कर गुजरने का जज्बा लिए विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व प्राध्यापकों की 40 सदस्यी टीम युवा उत्सव में भाग लेने जा रही है। इस दौरान सीवीआरयू के विद्यार्थी देश के 30 विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के बीच छत्तीसगढ़ की लोककला, संस्कृति सहित विभिन्न विषयों पर तैयार किए गए कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे।

हर साल की तरह इस साल भी देश के सेंट्रल जोन में शामिल 30 विश्वविद्यालयों का इंटर यूनिवर्सिटी युथ फेस्टीवल आयोजित किया जा रहा है। इस युवा महोत्सव को जौन परव-2019 का नाम दिया गया है जो 7 से 11 जनवरी तक आयोजित है। एआईयू ने यह युवा उत्सव उडि़सा के संबलपुर विश्वविद्यालय में आयोजित किया जा रहा है। इसलिए सेंट्रल जोन में आने वाले सभी 30 विश्वविद्यालयों की टीमें संबलपुर विवि में पहुंच रही है। इसी क्रम में डॉ.सीवी रामन् विश्वविद्यालय की 40 सदस्यी टीम 6 जनवरी को रवाना होगी। 40 सदस्यी टीम में 35 विद्यार्थी और 5 प्राध्यापक शामिल हैं।

इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने बताया कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने ग्रुप सांग, इंस्टूमेंटल, ग्रुप डांस, वनएक्ट प्ले, माइंम, रंगोली,पेंटिंग सोलो डांस, क्ले माडलिंग सहित कई कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। इसमें विद्यार्थियों ने अच्छी तैयारी की है। डॉ.सीवी रामन् विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष होने वाले इस आयोजन में विद्यार्थी अपने-अपने क्षेत्र की लोककला का प्रदर्शन करते है। रवाना होने से पहले विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरपी दुबे व प्रभारी कुलसचिव गौरव शुक्ला ने पूरी टीम को शुभकामनाएं दी।

सीवीआरयू के विद्यार्थियों ने एआईयू के युवा उत्सव जौन परव - 2019 में शामिल होने के लिए विशेष कार्यक्रम तैयार किए हैं, उसमें छत्तीसगढ़ की लोककला और संस्कृति की झलक दिखाई देगी।विद्यार्थियों द्वारा छत्तीसगढ़ की लोककला और संस्कृति को नृत्य और गानें के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें छत्तीसगढ़ी पंथी और सरगुजिया कर्मा नृत्य परंपरा को विशेष रूप से बताया गया है। जिससे हमारे छत्तीसगढ़ अंचल के बारे में लोगों को बताया जा सके।