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क्रोध को प्यार से, बुराई को अच्छाई से ,स्वार्थ को उदारता से जीतें

क्रोध को प्यार से, बुराई को अच्छाई से ,स्वार्थ को उदारता से जीतें

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Pravjya Sanskar and Shramner Camp

प्रवज्या संस्कार एवं श्रामणेर शिविर

बिलासपुर . बच्चों एवं तरूणों को धम्मज्ञान एवं बौद्ध संस्कारों से सज्जित भविष्य हेतु आयोजित शिविर का आयोजन संपन्न हुआ। प्रवज्या संस्कार एवं श्रामणेर शिविर के मुख्य अतिथि पूज्य भदन्त आनंद महाथेरो अखिल भारतीय भिक्खू महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष (दिल्ली) द्वारा धम्म देशना में कहा- मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है क्रोध इसलिए मनुष्य को अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए। क्रोध को प्यार से, बुराई को अच्छाई से, स्वार्थ को उदारता से और झूठे व्यक्ति को सच्चाई से जीता जा सकता है। भंते जी ने कहा कि सत्य के मार्ग पर चलते हुए कोई व्यक्ति दो ही गलतियां कर सकता है एक पूरा रास्ता तय न करना और दूसरा इसकी शुरुआत ही न करना।इसलिए किसी भी चीज की शुरुआत करना है तो पहले उसे तय कर लीजिए फिर आगे बढि़ए। उन्होंने कहा किजीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से बेहतर स्वयं पर विजय प्राप्त करना है। यदि स्वयं पर विजय प्राप्त कर लिया तो फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी। इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता। बुद्ध के अनुसार, इंसान जैसा सोचता है, उसकी सोच जैसी होती है वह वैसा ही बना जाता है। कोई मनुष्य बुरी सोच के साथ बोलता या काम करता है तो उसे कष्ट ही मिलता है। वहीं यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है तो उसे जीवन में खुशियां मिलती हैं। ये खुशी उसकी परछाई की तरह उसका साथ कभी नहीं छोड़ती है।


उन्होंने कहा कि मनुष्य को सभी से शुद्ध विचारों के साथ बातचीत करना है क्रोधित नहीं होना है। प्रवज्या संस्कार एवं श्रामणेर शिविर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि - पूज्य भदन्त आनंद महाथेरो अखिल भारतीय भिक्खू महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष (दिल्ली ),मुख्य प्रशिक्षक - भदंत बुध्दघोष बोधी प्रदेश अध्यक्ष, बी एस 4(छ.ग.) को आयोजन समिति द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

60 तरुण भंतों का हुआ प्रवज्या संस्कार - मुख्य प्रशिक्षक - भदंत बुध्दघोष बोधी प्रदेश अध्यक्ष,बी एस 4(छ.ग.) के सानिध्य में 60 तरुण भंतं का प्रवज्या संस्कार हुआ। शिविर में तथागत सम्यक संबुद्ध द्वारा दी हुई साधना तथा धम्म एवं बोधिसत्व बाबासाहब आम्बेडकर के मिशन के बारे में भंते जी द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर सारंग राव हुमने, हरीश वाहने, नरेंद्र रामटेके, संतोष बौद्ध, अशोक ठाकरे, पंकज टेंभूर्णिकर, राजेश हुमने, विनोद कोशले, प्रफुल्ल गेडाम, शीतल रामटेके , नितेश अंबादे , क्रांति साहू, श्याममूरत कौशिक, सुदामा मेश्राम, सुदाम बौद्ध, मनोज बौद्ध विनोद उके, जितेंद्र खोबरागड़े, डॉ मयंक मेश्राम, देवेन्द्र मोटघरे, कैलाश गजभिए, राजेश रामटेके आदि उपस्थित थे।