19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एडमिशनः प्रदेश भर के छात्रों की प्राथमिकता है सीयू, यहां नहीं मिला प्रवेश तब जाते हैं स्टेट यूनिर्वसिटी

बिलासपुर - एडमिशन के लिए प्रदेश भर के छात्रों की प्राथमिकता गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी बन गई है। यहां प्रवेश नहीं मिलने पर छात्र स्टेट यूनिवर्सिटी की ओर रुख करते हैं। खास बात यह है कि यहां नई शिक्षा नीति लागू हो चुकी है। वहीं अब तक 3 चरणों की काउंसिलिंग पूरी का जा चुकी है, जिसमें सभी विभागों में कुल 1769 सीटें हैं। इसमें से 1455 सीटे भर गई हैं। 20 विभागों के 314 सीटें रिक्त हैं। इसके लिए यूनिवर्सिटी 21 अगस्त को ओपन काउंसिलिंग करने जा रही है।  

3 min read
Google source verification
एडमिशन के लिए प्रदेश भर के छात्रों की प्राथमिकता है सीयू, यहां नहीं मिला प्रवेश तब जाते हैं स्टेट यूनिर्वसिटी

फाइल फोटो- गुरु घासीदास विश्वविद्यालय

सीयूईटी की परीक्षा के बाद प्रदेश और देश भर से विद्यार्थी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के लिए पहुंचे रहे हैं। इसके अलावा अब लोकल विद्यार्थियों का भी रुझान सेंट्रल यूनिवर्सिटी की ओर बढ़ गया है। इसका मुख्य कारण है कि अन्य विश्वविद्यालय के मुकाबले यहां पर्याप्त संसाधन और वेल एजुकेटेड प्रोफेसरों का भी उपलब्ध हैं। इस वजह से विद्यार्थी पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल देखते हुए यहां प्रवेश लेने के लिए पहले अप्लाई करते हैं। बता दें कि इन दिनों स्टेट और सेंट्रल यूनिवर्सिटियों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने के लिए यूजीसी अब सीयूईटी की परीक्षा लेता है। इसके बाद विद्यार्थियों को उनके स्कोर के अनुसार कॉलेज मिलता है। इस वर्ष अधितर विद्यार्थियों ने सीयूईटी की परीक्षा दी है, जो सीयू में प्रवेश लेने के लिए जद्दोजहद में लगे हुए हैं। सीयू में अभी भी यूजी के लिए प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। यहां बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रवेश लेने पहुंच रहे हैं। कई विद्यार्थियों ऐसे हैं कि वे सेंट्रल यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेना चाहते हैं, लेकिन उन्हें पहले और दूसरे राउंड की काउँसिलिंग में प्रवेश नहीं मिला है। इस वजह से वे स्टेट यूनिवर्सिटियों में भी प्रवेश लेने से वंचित हो रहे हैं, क्योंकि वहां कई विषयों की सीटें फुल हो गई है।

सभी यूनिवर्सिटियों में एक साथ प्रवेश शुरू होने से विद्यार्थी असमंजस में

सभी जगहों पर एक साथ प्रवेश शुरू होने से विद्यार्थी असमंजस में है। वहीं कई विद्यार्थियों के सीयूईटी की परीक्षा में स्कोर बेहतर थे, इस वजह से उन्हें मच चाहे कोर्स पर प्रवेश मिल गया है, लेकिन जिनका स्कोर कम है, उन्हें उनके मन चाहे यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि वहां की सीटों भर चुकी है। इस वजह से कई छात्र मजबूरन दूसरा विषय को लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

नई शिक्षा नीति भी लागू, 4 वर्ष का होगा स्नातक

सीयू में नई शिक्षा नीति लागू हो चुकी है। प्रदेश में सबसे पहले यह नीति लागू की गई है। एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के लिए 2021-22 से जितने भी छात्रों थे, उनका का रजिस्ट्रेशन भी हो गया है। सीयू ने नई शिक्षा नीति को लेकर अपना ऑर्डिंनेंस और रेगुलेशन बना लिया है। इसे लागू करने के लिए 16 यूनिवर्सिटिसों से समझौता किया है। स्नातक पाठ्यक्रम में खास बात यह है कि विद्यार्थी एक साल पूरा करते हैं तो उन्हें सर्टिफिकेट लेकर जा सकते हैं। दो साल पूरा करने पर उन्हे डिप्लोमा की डिग्री दी जाएगी और तीन साल पूरा करते हैं तो डिग्री प्रदान कर दी जाएगी। वहीं 4 साल पूरा होने पर उस ऑनर्स या स्नातक शोध की डिग्री दी जाएगी।

इऩ वजहों से पहली पसंद बनी सेंट्रल यूनिवर्सिटी

- पढ़ाई के लिए बेहतर कैंपस

- अन्य विवि के मुकाबले अधिक संसाधान

- परीक्षा के बाद कॉपी दिखाने की पारदर्शिता

- सेंट्रल लाइब्रेरी ( वाईफाई की सुविधा)

- कैंपस सेसेक्शन

- एजुकेटेड प्रोफेसर

- बेहतर इफ्रास्ट्रक्चर

ब्रजेंद्र शुक्ला, शिक्षा विद्

कार्यपरिषद की बैठक में 2 विषयों पर सप्लीमेंट्री का प्रस्ताव पास

शुक्रवार को कार्यपरिषद की 39वीं बैठक रखी गई थी, जिसमें विधायक पुन्नू लाल मोहले, विधायक शैलेष पांडेय, प्रमोद सागर, अरूण शिवम् पटनायक, हरीश केडिया, प्राचार्य एसएल निराला व एपी वर्मा शामिल रहे। कार्यपरिषद के सदस्य विधायक शैलेष पांडेय ने बताया कि बैठक में 2 विषयों पर सप्लीमेंट्री को लेकर परीक्षा संबंधि आदेश क्रमांक 06 में संशोधन को रखा गया था। कार्यपरिषद की बैठक में इसे पास कर दिया गया है। अब इसका ऑर्डिंनेसं बनाकर उच्च शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा। इसके बाद राज्यपाल इस प्रस्ताव पर मुहर लगा देंगे तो यह अध्यादेश में परिवर्तन हो जाएगा। इसके पहले स्टैंडिंग कमेटी ने 2 विषयों पर सप्लीमेंट्री के प्रस्ताव पास कर दिया था। बता दें कि अटल यूनिवर्सिटी से संबंध कॉलजों में कुल साढ़े 8 बजार विद्यार्थी एक विषय में और 15 हजार विद्यार्थी 2 विषयों में फेल हो गए थे, लेकिन अब पूरक परीक्षा के लिए दो विषय वाले छात्र आवेदन कर परीक्षा में बैठ सकेंगे।

एयू से संबंध सरकारी में 60 और प्रइवेट में 30 % ही भरी सीटें

अटल यूनिवर्सिटी से संबंध 110 कॉलेज हैं। इसमें से सरकारी कॉलेजों में 60 प्रतिशत ही सीटें भर पाई है। वहीं प्राइवेट कॉलेजों की स्थित और खराब है। यहां सिर्फ 30 प्रतिशत ही सीटें भरी है। इसलिए विद्यार्थी मांग कर रहे हैं कि फिर से पोर्टल खोला जाए, जिसमें खाली सीटों पर जो छात्र आवेदन नहीं कर पाए हैं, वे उन कॉलेजों में प्रवेश ले सकें।

कई गतिविधियों में आगे है एयू

अटल यूनिवर्सिटी को को 12 साल बाद अपनी बिल्डिंग मिली है। यह भी एक वजह है, जिसके कारण पिछड़ गई थी, लेकिन अब धीरे-धीरे संसाधनों को जुटा रही है। खास बात यह है कि यहां योग का प्रोग्राम बेहतर ढंग से चलाया जा रहा है। इसके अलावा यहां के खिलाड़ी प्रदेश और देश में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं साइबर कोर्स भी चलाया जा रहा है। कई कोर्स ऐसे हैं जो कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में नहीं है।