
बिलासपुर. शासन के स्पष्ट निर्देश के बाद भी सहकारी समितियों के संस्था प्रबंधक किसानों को धान बेचने के लिए पंजीयन कराने दस्तावेज की मांग कर रहे हैं। संस्था प्रबंधकों की इस मनमानी से किसान हलाकान है और समिति व पटवारी कार्यालय के चक्कर काटने विवश है। उर्तुम सोसायटी के संस्था प्रबंधक ने तो बकायदा संस्था की दीवार पर सूचना चस्पा कर रखा है कि सन् 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए कौन-कौन से दस्तावेज 20 अक्टूबर तक जमा कराना है। लगभग 120 किलोमीटर दूर राजधानी से निकला शासन का आदेश यहां बिलासपुर जिले में शूल्य घोषित हो गया। दरअसल शासन ने गत 30 सितंबर को आदेश जारी कर कहा था कि जिन किसानों ने पिछले वित्तीय वर्ष में धान बेचने के लिए सोसायटी में पंजीयन कराया है उन्हें फिर से पंजीयन की आवश्यकता नहीं है उनके पुराने दस्तावेज मान्य होगे। शासन के इस फरमान से लाखों किसानों को राहत मिली कि अब उन्हें खसरा, बी-1 और अन्य दस्तावेज के लिए पटवारी कार्यालय और सोसायटी के चक्कर नहीं काटने होंगे। शासन के आदेश के बाद भी जिले की सोसायटियों में अन्नदाताओं को दस्तावेज के लिए परेशान करने का मामला लगातार सामने आ रहा है। बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के उरतुम सहकारी समिति, उच्चभठ्ठी और बाम्हू सोसायटी के प्रबंधकों ने शासन के फरमान को दरकिनार करते हुए किसानों को दस्तावेज प्रस्तुत करने का फरमान जारी कर हलाकान कर दिया है। जिसकी वजह से शासन के स्पष्ट निर्देश के बाद भी अपने भूमि से संबंधित खसरा, रकबा और बी- 1 के नकल के लिए सोसायटी और पटवारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। शहर से लगे ग्राम उर्तुम सोसायटी ने तो बकायदा दीवार पर सूचना चस्पा कर दिया है जारी सूचना के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी करने के लिए किसानों से ऋण पुस्तिका के साथ फोटो कापी, बी-1 खसरा, आधार कार्ड की फोटो कापी, बैंक पास बुक की फोटो कॉपी, कृषक डेबिट कार्ड सह पास बुक फोटो कॉपी, मतदाता परिचय पत्र/ पेन कॉर्ड की फोटो कॉपी और राशन कार्ड की फोटो कॉपी प्रस्तुत कर पंजीयन कराने कहा गया है। साथ ही चार बिंदुओं पर टीप भी जारी किया गया है जिसमें दोपहर 1 बजे के बाद पंंजीयन फार्म स्वीकार नहीं किए जाने, उपरोक्त दस्तावेज में कमी होने पर पंजीयन नहीं होने, शनिवार को आवेदन स्वीकार न करने और पंजीयन की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर तक निर्धारित करने की सूचना दर्ज की गई है। क्या कहते हैं किसान-शासन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे अफसर-शासन ने स्पष्ट तौर पर निर्देश जारी कर लाखों किसानों को राहत दी है कि जिन किसानों का पंजीयन पूर्व में हो चुका है उनसे धान बेचने के लिए किसी तरह का दस्तावेज नहीं लिया जाएगा। शासन ने उन्हें पटवारी और सोसायटी के चक्कर से मुक्त करने का फरमान जारी किया है परंतु सोसायटी के अफसर शासन के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। विजय शर्मा,डंगनियां, किसान बाम्हू सोसायटीगलत है इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए-सोसायटी के प्रबंधक मनमानी कर रहे है ंशासन के आदेश की अवमानना कर रहे हैं स्पष्ट निर्देश के बाद कहीं आधार कार्ड और खसरा, बी-1 मांगा जा रहा है तो कहीं आधार कार्ड समेत भूमि संबंधी सारे दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा जा रहा है। जिससे किसान सोसायटी और पटवानी के चक्कर काटने विवश हैं फिर शासन के इस आदेश का क्या मतलब। राकेश वर्माकिसान बाम्हू सोसायटीकिसानों को परेशान किया जा रहा है-शासन के स्पष्ट निर्देश के बाद भी सोसायटी प्रबंधकों द्वारा जबरिया खसरा, बी-1, राशन कार्ड, पर्ची की मांग की जा रही है जो सरासर गलत है। शासन ने जो व्यवस्था बनाई है उसके मुताबिक किसानों को राहत दी जानी चाहिए हर साल ये तमाशा कर किसानों को परेशान क्यों किया जा रहा है। फिर डिजिटल इंडिया और ऑनलाइन का दावा क्यों। लक्ष्मी कश्यप,अध्यक्ष उच्चभठ्ठी सोसायटीक्या कहते हैं सोसायटी प्रबंधक-00 किसान गलत जानकारी दे रहे हैं, ऐसा नहीं है खसरा, बी-1 नहीं मंगा रहे हैं। केवल आधार कार्ड की प्रति मंगा रहे हैं वो भी उन किसानों से जिनकी पिछले साल प्रस्तुत की गई आधार आईडी में त्रुटि है। पटवारी सूची भी नहीं निकल पा रही है उसी को कंप्यूटर पर चढ़ाने के बाद आगे की प्रक्रिया करनी है। अरूण कश्यप,सोसायटी प्रबंधक उच्चभठ्ठी00आपका कहना सही है परंतु अभी तक किसी भी सोसायटी में शासन का आदेश नहीं आया है कि किसानों से दस्तावेज नहीं मंगाना है। इसके बाद भी हम खसरा, बी-1 के लिए दबाव नहीं बना रहे हैं। किसान पर्ची लेकर आ रहे हैं तो भी उनकी एंट्री की जा रही है आखिर हम क्या करें।राजकुमार,सोसायटी प्रबंधक बाम्हू00अभी चर्चा कर के देते हैं-रूद्र तिवारी,सोसायटी प्रबंधक, उर्तुम
Published on:
02 Oct 2019 06:09 pm
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