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Diwali Puja 2023 : गजकेशरी योग पर आज होगी महालक्ष्मी की आराधना

Diwali Puja 2023 : कार्तिक अमावस्या तिथि पर रविवार को हर्षोल्लास से महालक्ष्मी की आराधना का पर्व दिवाली मनाई जाएगी।

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गजकेशरी योग पर आज होगी महालक्ष्मी की आराधना

गजकेशरी योग पर आज होगी महालक्ष्मी की आराधना

बिलासपुर। Diwali Puja 2023 : कार्तिक अमावस्या तिथि पर रविवार को हर्षोल्लास से महालक्ष्मी की आराधना का पर्व दिवाली मनाई जाएगी। इस अवसर पर एक ओर जहां धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना होगी, वहीं मिठाइयों का भोग लगाते हुए प्रसाद वितरण कर आपस में पर्व की खुशियां बांटी जाएंगी। पंडितों के अनुसार इस बार पर्व पर गजकेशरी योग का भी संयोग रहेगा, अत: इस योग पर मां लक्ष्मी की आराधना विशेष फलदायी होगी।

लक्ष्मी पूजन का विशेष शुभ मुहूर्त...

प्रदोष काल पूजन मुहूर्त : शाम 5.29 से 8.08 बजे तक।

चार चौघड़िया मुहूर्त : शाम में 5.29 से 10.26 बजे तक।

बाजार में सुबह से रात तक होती रही खरीदारी...

दीपावली मनाने कपड़े, पटाखे, मिठाइयों के साथ ही लोग पूजन सामग्री भी बढ़चढ़ कर खरीदी करते रहे। लिहाजा सुबह से देर रात तक बाजार में लोगों का तांता लगा रहा। खेवे में मिलावट होने की आशंका से ज्यादातर लोगों ने बेसन की मिठाइयाें को तवज्जो दिया। इस बीच बच्चे, युवा, महिलाओं ने जमकर कपड़ों की खरीदी की। पूजा सामग्री में मां लक्ष्मी व श्री गणेश की प्रतिमाओं के साथ ही शंख, डमरू, लक्ष्मी गणेश यंत्र के साथ ही सजावटी सामान की बढ़चढ़ कर खरीदी होती रही।

सुबह स्नान-ध्यान के साथ ही लोग धन देवी मां लक्ष्मी, धन रक्षक कुबेर व विघ्नहर्ता श्रीगणेश की विधिवत पूजा-अर्चना करेंगे। शाम होते ही घरों में पूजा वेदी सजा कर मां लक्ष्मर व श्रीगणेश की प्रतिमा विराजित कर पूजा-अर्चना शुरू की जाएगी। रोली-चंदन, अक्षत से अर्पित कर विधिवत मंत्रोपचार से पूजा शुरू होगी। हवन-पूजन के साथ ही मेवा-मिष्ठान का भोग अर्पित किया जाएगा। इस बीच श्रद्धालु मां लक्ष्मी से शुख-शांति व समृद्धि के लिए प्रार्थना करेंगे। अंत में प्रसाद वितरण करते हुए एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया जाएगा। पंडित गोवर्धन मिश्रा के अनुसार इस बार पर्व पर गजकेसरी योग का भी संयोग रहेगा। 12 नवंबर को चंद्रमा का संचार कन्या राशि में होगा और मेष राशि में स्थित गुरु चंद्रमा को समसप्तक दृष्टि से गजकेसरी नामक राजयोग बन रहा है। दीपावली के शुभ संयोग में बना गजकेसरी योग इस बार सभी राशियों को डबल फायदा करवाने वाला माना जा रहा है। इस शुभ संयोग के प्रभाव से विशेष कर कर्क और सिंह राशि वालों की किस्मत चमकेगी।

बिना आतिशबाजी के दिवाली अधूरी मानी जाती है। यही वजह है कि लोग इस अवसर पर आतिशबाजी भी करते हैं। लेकिन इसमें सतर्कता न बरती गई तो नुकसान भी हो सकता है। किसी भी अनहोनी से बचने घर पर एक फर्स्टएड बॉक्स बनाकर रखना चाहिए। इसमें एंटी सेप्टिक क्रीम, पेन किलर,लोशन, साफ पट्टी, रूई रख सकते हैं।

ये बरतें सावधानी

मां लक्ष्मी की पूजा के साथ बही-खातों की भी पूजा करेंगे व्यापारी...

दीपावली पर बही-खातों की पूजा का भी विशेष महत्व है। वर्तमान में भले ही मैनुअली बही-खातों का स्थान कॅम्प्यूटरीकृत हो गया है। यानी कॅम्प्यूटर के माध्यम से ही सारा लेखा जोखा तैयार किया जा रहा है, फिर भी आज भी हर व्यापारी भले ही सांकेतिक रूप से ही क्यों न हो बही-खातों को रख दीप पर्व पर उसकी विशेष पूजा-अर्चना करता है। यही वजह है कि दिवाली पर महालक्ष्मी की आराधना के साथ ही बही-खातों की भी पूजा की जाएगी।

घर के अंदर पटाखे न फोड़ें, बाहर किसी खुले स्थान पर चलाएं और पटाखे छोड़ते समय बच्चों को दूर रखें।

मटके में रखकर पटाखे न चलाएं और न ही कांच की बोतलों में पटाखे चलाएं। इससे मटके या कांच के कण आंख या शरीर के किसी हिस्से में लगने का रिस्क रहता है।

भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में पटाखे न फोड़ें। पटाखा अगर चलाने के बाद न फूटे तो तुरंत नजदीक न जाएं, इंतजार करें।

आतिशबाजी करते समय या दीया जलाते समय कॉटन के ढीलेढाले कपड़े पहनें।

जहां पटाखे चला रहे हैं, आसपास बाल्टी में पानी भरकर रख लें।

बच्चों से रॉकेट, अनार दाना न चलवाएं।

कानों के सुनने की एक क्षमता होती है। 100 डेसिबल या उससे अधिक आवाज वाले पटाखों से कान के परदों को नुकसान हो सकता है, इसका खयाल रखें।

जीरो पावर वाला चश्मा लगाकर ही आतिशबाजी करें, आतिशबाजी करते समय हाथों को सैनिटाइज न करें, साबुन से हाथ धोएं।

ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल करें। इनकी आवाज और रोशनी भी पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम होती है।

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त्योहारों पर दो घंटे ही उपयोग कर सकेंगे पटाखे

दीपावली, छठ, गुरु पर्व आदि त्योहारों पर केवल दो घण्टे ही पटाखों का उपयोग किया जा सकेगा। कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी अवनीश शरण ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुरूप जिले में पटाखों के उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

जारी आदेश के अनुसार दीपावली, छठ, गरु पर्व, नया वर्ष, क्रिसमस आदि त्योहारों के अवसर पर पटाखे फोड़ने की अवधि 2 घण्टे निर्धारित की गई है। दीपावली में रात 8 बजे से रात 10 बजे तक पटाखों का उपयोग किया जा सकेगा। छठ पूजा पर सवेरे 6 से सवेरे 8 बजे तक, गुरू पर्व पर रात 8 बजे से रात 10 बजे तक और नया वर्ष एवं क्रिसमस पर रात 11.55 बजे से रात 12.30 बजे तक पटाखे जलाए जा सकेंगे। कलेक्टर शरण ने जारी दिशा-निर्देश में कहा है कि कम प्रदूषण उत्पन्न करने वाले इम्प्रुव्ड व हरित पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंसधारी व्यापारियों द्वारा ही किया जा सकेगा। केवल उन्हीं पटाखों को उपयोग के लिए बाजार में बेचा जा सकेगा, जिनसे उत्पन्न ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा के भीतर हो। सीरीज पटाखे या लड़ियों की बिक्री, उपयोग व निर्माण पर प्रतिबंध लगाया गया है।