
Election Effect: नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में तहसीलदारों सहित अन्य राजस्व अफसरों की चुनावी ड्यूटी लगने से जिले के तहसील कार्यालयों में राजस्व से जुड़े मामलों की सुनवाई प्रभावित हो रही है।
अधिकारियों के चुनावी कार्यों में व्यस्त रहने के कारण सीमांकन, नामांतरण और अन्य राजस्व मामलों में सुनवाई की तारीखें लगातार आगे बढ़ाई जा रही हैं। ऐसे में जिले के समस्त राजस्व न्यायालयों में पेंडेंसी की संख्या 7221 तक पहुंच गई है। बिलासपुर जिले में तहसील स्तर पर लंबित मामलों का समाधान करना मुश्किल हो रहा है क्योंकि कई अफसरों को चुनाव प्रक्रिया के तहत रिटर्निंग ऑफिसर की जिम्मेदारी दी गई है। इस स्थिति में आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
न्यायालय - लंबित मामले
एसडीएम कोर्ट - 844
तहसीलदार बिलासपुर - 509
कलेक्टर कोर्ट नजूल - 414
एसडीएम कोर्ट तखतपुर - 402
तहसीलदार मस्तूरी - 304
तहसीलदार तखतपुर - 281
तहसीलदार सीपत - 235
कलेक्टर कोर्ट - 218
तहसीलदार सकरी - 229
एसडीएम बिल्हा - 200
तहसीलदार पचपेड़ी - 168
नायब तहसील गनियारी - 194
नायब तहसील सकरी - 173
अतिरिक्त तहसीलदार कोटा - 164
एसडीएम मस्तूरी - 164
तहसील कार्यालयों में आने वाले लोग अपनी शिकायतों और मामलों का निपटारा कराने के लिए समय पर सुनवाई चाहते हैं। जिले के कई तहसीलदार, नायब तहसीलदार और अन्य राजस्व कर्मियों को चुनावी ड्यूटी पर लगाया जा रहा है। इनमें से अधिकांश को रिटर्निंग ऑफिसर या सहायक रिटर्निंग ऑफिसर बनाया गया है। इन अफसरों के पास राजस्व मामलों की सुनवाई के लिए समय नहीं बच पा रहा है।
Updated on:
29 Jan 2025 01:27 pm
Published on:
29 Jan 2025 01:26 pm
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