
Ganja Smuggling Case: ट्रेन से गांजा तस्करी के मामले में जीआरपी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चारों आरक्षक को बर्खास्त कर दिया है। इन आरक्षकों ने तस्करों के नेटवर्क से जुड़कर करोड़ों रुपए कमाए थे। इन चारों आरक्षकों को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज दिया गया है।
जीआरपी के आरक्षक सौरभ नागवंशी, मन्नू प्रजापति, संतोष राठौर एवं लक्ष्मण गाईन संगठित रूप से गांजा की तस्करी कर रहे थे। इन आरक्षकों ने रिश्तेदारों के नाम पर अकाउंट खोलकर करोड़ों के लेनदेन किए थे। वहीं कॉल डिटेल से खुलासा हुआ है कि सरगना का आरक्षकों से लगातार संपर्क था।
खुफिया पुलिस ने जांच में जीआरपी जवानों के पास से 45 खाते मिले, जो उन्होंने नाते-रिश्तेदारों के नाम पर खाते खुलवा लिए थे मगर लेनदेन खुद करते थे। इसमें 15 करोड़ की लेनदेन का पता चला, जो गांजा पैडलरों ने ट्रांसफर किए थे। जांच में पता चला है कि जीआरपी के जवान पहले ट्रेनों में गांजा जब्त करते थे, उसी को बेचकर पैसा कमाते थे। मगर 2018 के बाद उन्होंने खुद का नेटवर्क बना लिया। ओडिशा, कोलकाता, झारखंड और महाराष्ट्र तक जीआरपी का रैकेट गांजा सप्लाई कर रहा था।
जीआरपी जवानों के रैकेट द्वारा गांजे की तस्करी करने की खुफिया जानकारी मिलने पर इंटेलिजेंस चीफ अमित कुमार ने टीम बनाकर जांच में लगाया। 7 अफसरों की इस टीम ने रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए तीन महीने तक हावड़ा-मुंबई लाइन पर नागपुर से लेकर झारसुगड़ा तक और वाल्टेयर लाइन पर टिटलागढ़ तक सघन निगरानी रखी। टीम ने इस दौरान करीब ढाई सौ ट्रेनों में खुद भी सफर किया। पुख्ता जानकारी बटोरने और रिपोर्ट सौंपने के बाद चार आरक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया।
Updated on:
21 Nov 2024 04:42 pm
Published on:
21 Nov 2024 02:01 pm
बड़ी खबरें
View Allबिलासपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
