
Bilaspur High Court: सेवाकाल के दौरान सिविल जज को पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ नहीं मिलने पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब देने के निर्देश दिए हैं। सिविल जज की सर्विस के दौरान ही मृत्यु के बाद पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
बता दें कि अमृत केरकेट्टा ने वर्ष 1990 में बतौर सिविल जज क्लास वन न्यायपालिका में अपनी सेवा प्रारंभ की थी। वर्ष 2012 में 22 वर्ष के सेवाकाल के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई। इस बीच उनको पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ नहीं मिल सका। सर्विस बुक की प्रति नहीं मिलने की वजह से उनको पूर्ण वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा था।
पति के निधन के बाद उनकी पत्नी उषाकिरण केरकेट्टा ने अधिवक्ता अशोक पाटिल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति बीडी गुरु की एकलपीठ में हुई, जिसमें कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर स्पष्ट जवाब देने को कहा है कि आखिरकार केरकेट्टा को उनका पूरा वेतनमान क्यों नहीं दिया गया। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने दो सप्ताह बाद की तिथि तय कर दी है। निर्धारित तिथि से पहले राज्य शासन को इस संबंध में हाईकोर्ट के समक्ष अपना जवाब पेश करना होगा।
Published on:
26 Apr 2025 02:31 pm
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