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BEd वालों की नौकरी पर संकट… हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, कहा – 7 दिनों में जारी करें डीएड की नई चयन सूची

BEd Vs DEd: पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि 21 दिनों के भीतर बीएड अभ्यर्थियों को बाहर कर केवल डीएड अभ्यर्थियों की नई चयन सूची तैयार कर कोर्ट में पेश की जाए।

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Bilaspur High Court: राज्य शासन द्वारा की गई नियुक्ति के बाद बीएड शिक्षक और डीएड अभ्यर्थियों की स्थिति अधर में हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी प्राइमरी स्कूल के लिए अयोग्य ठहराने के बाद जहां प्रदेश के लगभग 3 हजार बीएड शिक्षकों की नौकरी खतरे में है, वही डीएड प्रशिक्षित शिक्षक भी कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी की आस में हैं।

मामले में कोर्ट ने सात दिनो के भीतर डीएड अभ्यर्थियों की नई सलेक्शन लिस्ट जमा करने कहा गया। इससे डीएड अभ्यर्थियों में उमीद बंधी है। बहुचर्चित डीएड एवं बीएड विवाद में डीएड अभ्यर्थियों ने चौथी बार अवमानना याचिका दायर की है। पिछली सुनवाई में शिक्षा विभाग के तमाम बड़े अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाईकोर्ट ने 21 दिन के भीतर बीएड अभ्यर्थियों को हटाकर केवल डीएड आवेदकों की नई सलेक्शन लिस्ट तैयार करके प्रस्तुत करने कहा था। लेकिन 21 दिन बाद भी सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की कोई लिस्ट जमा नहीं करने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई।

उधर बीएड पास कर सहायक शिक्षक की नौकरी कर रहे लगभग 3 हजार शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। दरअसल बीएड (बैचलर आफ एजुकेशन) योग्यताधारियों को सहायक शिक्षक पद के लिए न्यायालय ने अयोग्य माना है। ऐसे में इनकी नौकरी संकट में है। इनकी भर्ती लगभग एक साल पहले की गई थी, लेकिन अब इन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है। इस कारण उनका भविष्य भी अधर में है।

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राज्य भर्ती नियम 2019 के तहत हुई थी नियुक्ति

कोर्ट के आदेश का पालन तो सरकार को करना ही होगा लेकिन सरकार कोर्ट में हलफनामा प्रस्तुत कर सकती है। इसमें कहा जा सकता है कि नए नियमों से भर्ती भविष्य में की जाएगी और इसका ध्यान रखा जाएगा। नियमों की बात करें तो इनकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा अनुमोदित गजट ''छत्तीसगढ़ राज्य भर्ती नियम 2019'' के तहत हुई है। सभी सहायक शिक्षक, छत्तीसगढ़ व्यापमं द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा (2023) पास कर मैरिट में स्थान प्राप्त कर शैक्षणिक सेवा में आए हैं। भर्ती राज्य शासन के नियमों के अधीन हुई है। इन 2900 चयनित सहायक शिक्षकों में से लगभग 71 प्रतिशत अभ्यर्थी अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति (एससी) से आते हैं।