
CG High Court News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट ने हाल ही में एक बड़ा फैसला सुनाया है। आपको बता दें की तलाक और भरण-पोषण से जुड़े मामले में ऐतिहासिक निर्णय बिलासपुर हिघ्कोर्ट ने सुनाया है, जो आने वाले समय में ऐसे कई मामलों में मिसाल बन सकता है। हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि यदि कोई महिला एडल्ट्री यानी व्यभिचार में संलिप्त पाई जाती है, तो वह तलाक के बाद अपने पति से भरण-पोषण की मांग नहीं कर सकती।
दरअसल, रायपुर में एक मामला हिघ्कोर्ट में आया था जिसमे एक महिला ने अपने पति से तलाक के बाद भरण-पोषण के लिए फैमिली कोर्ट में याचिका दायर की थी। अपने पति से 20,000 रुपये मासिक भत्ते की मांग की थी। इससे पहले, रायपुर फैमिली कोर्ट ने पति को 4000 रुपये प्रतिमाह देने का आदेश दिया था। लेकिन पति ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान यह सामने आया कि महिला का शादी के बाद अपने देवर के साथ शारीरिक संबंध था, जिसे अदालत ने विवाहेतर संबंध यानी एडल्ट्री माना। कोर्ट ने माना कि यह नैतिक और वैवाहिक मूल्यों के खिलाफ है, और ऐसे में महिला को अपने पति से किसी भी प्रकार के आर्थिक सहारे की मांग करने का नैतिक अधिकार नहीं है।
Published on:
18 May 2025 06:26 pm
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