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पासपोर्ट बनाने की सोच रहे है तो रखिए इन बातो का ध्यान, स्पार्ट वेरिफिकेशन करने न पहुंचे पुलिस तो करे यह उपाय

- ऑनलाइन हुआ स्पॉट वेरिफिकेशन, टैब में जानकारी भरने पर पूरी हो जा रही प्रक्रिया - जिले में तीन थानों में है एम पासपोर्ट की सुविधा, पुलिस थाने की अब आवश्यकता नहीं आवदको को

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If you are thinking of making a passport, then keep these things

पासपोर्ट बनाने की सोच रहे है तो रखिए इन बातो का ध्यान, स्पार्ट वेरिफिकेशन करने न पहुंचे पुलिस तो करे यह उपाय,पासपोर्ट बनाने की सोच रहे है तो रखिए इन बातो का ध्यान, स्पार्ट वेरिफिकेशन करने न पहुंचे पुलिस तो करे यह उपाय,पासपोर्ट बनाने की सोच रहे है तो रखिए इन बातो का ध्यान, स्पार्ट वेरिफिकेशन करने न पहुंचे पुलिस तो करे यह उपाय

बिलासपुर. पासपोर्ट बनाना व बनवाना दोनों अब आसान हो गया है, क्योंकि स्पॉट वेरिफिकेशन अब ऑन लाइन हो गया है। बतादें कि पार्टपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया का सबसे अहम पार्ट स्पॉट वेरिफिकेशन ही है। पहले पुलिस आवेदन आने पर आवेदक के संदर्भ में जानकारी एकत्र करने स्पॉट पर पहुंच कर पुष्टि करती थी। साथ ही रिकार्ड के आधार पर आपराधिक पृष्ठभूमि है या नहीं इसकी भी छानबीन करती थी। इसमें काफी समय लग जाता था। अब पुलिस केवल रिकार्ड के आधार पर ही वेरिफेकन कर रही है। इससे काम आसान हो गया है।

पासपोर्ट के लिए स्पॉट वेरिफिकेशन का नियम बड़ा जटिल है। इसके नाम पर ही कई बार पासपोर्ट की प्रक्रिया लेट होती थी। थानों में आपराधिक प्रकरण की जांच व स्पॉट वेरिफिकेशन के लिए आवेदन में दिए पते के आधार पर संबंधित क्षेत्र के पुलिस स्टेशन को इस बात का वेरिफिकेशन करना होता है कि आवेदन दाता की ओर से दी गई जानकारी सही है या नहीं। इसे पुलिस सत्यापित करती है। अब तक सभी दस्तावेजों की जांच के लिए संबंधित थाने का जवान मौके पर जाकर मौका मुआयना करता था। इस प्रकिया में कई बार पुलिस जवान टेबल में बैठ कर ही वेरिफेकेशन प्रक्रिया को पूर्ण कर देते थे। पूर्व में जिनके पासपोर्ट बने हैं, उनकी माने तो पुलिस उनके दरवाजे पर स्पॉट वेरिफिकेशन करने कभी पहुंची ही नहीं थी। थाने व पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बुलाकर दस्तावेज संबंधी पूछताछ की गई थी। इन सब गडबडिय़ों को देखते हुए टैब के माध्यम से अब आन लाइन स्पॉट वेरिफिकेशन किया जा रहा है। इससे पारदर्शित के साथ समय पर पासपोर्ट बन रहा है।

जिले में हर माह बनते हैं 480 पासपोर्ट
जिले में हर माह पासपोर्ट के लिए 480 आवेदन डीएसपी शाखा पहुंचते हैं। डीएसबी शाखा, संबंधित थाना व पुलिस अधीक्षक कार्यालय से वेरिफिकेशन होने के बाद लगभग सभी पासपोर्ट बन जाते हैं। अगर किसी के पासपोर्ट बनने में कोई समस्या आती है तो वह दस्तावेज में कुछ खामी होने की वजह से हो सकती है।

IMAGE CREDIT: Bilaspur Patrika News Network

पासपोर्ट कार्यालय पुलिस से कराती है नागरिकता की पुष्टि
पासपोर्ट फार्म में एक कॉलम भारतीय नागरिकता की पुष्टि भी है। पुलिस किस आधार पर भारतीय नागरिक होने की पुष्टि करेगी, इसके लिए क्या दस्तावेज की आवश्कता होती है, इसका कोई जिक्र नियम में नहीं है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो लोगों के भारतीय नागरिक होने की पुष्टि वह किस प्रकार कर सकती है, इसे लेकर पूर्व में पासपोर्ट कार्यालय से पत्राचार किया गया था, लेकिन कोई जवाब ही नहीं आया।

पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया अब ऑनलाइन व सरल हो चुकी है। पूर्व में आवेदक को थाने व पुलिस अधीक्षक कार्यालय बुलाया जाता था। वर्तमान में यह व्यवस्था भी समाप्त कर दी गई है। पुलिस अब रिकार्ड के आधार पर अपराधिक रिकार्ड है या नहीं इसकी जानकारी देती है।
संतोष कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक बिलासपुर