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जिम्मेदार कौन? अवैध रेत खनन के गड्ढे ने ली मासूम की जान, चार दोस्तों के साथ गया था नहाने गया था, पसरा मातम

Bilaspur News: चार दोस्तों के साथ नदी नहाने गया 9 साल का बालक शनिवार की दोपहर अरपा नदी में अवैध रेत खनन से बने गड्ढे में डूब गया।

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गड्ढे ने ली मासूम की जान (photo-unsplash)

गड्ढे ने ली मासूम की जान (photo-unsplash)

Bilaspur News: चार दोस्तों के साथ नदी नहाने गया 9 साल का बालक शनिवार की दोपहर अरपा नदी में अवैध रेत खनन से बने गड्ढे में डूब गया। इसकी भनक उसके साथियों को नहीं हुई। उनसे पूछताछ के बाद जब परिजन नदी किनारे पहुंचे, वहां बालक के कपड़े और चप्पल मिले। इसकी जानकारी होने पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम बालक की तलाश में जुट गई।

रात तक तलाश के बाद भी शव नहीं मिला। रविवार को एक बार फिर से बालक की नदी में तलाश की गई, तब उसकी लाश बरामद हुई। सकरी थाना क्षेत्र के लोखंडी बगीचापारा निवासी सन्नी पटेल किसान हैं। शनिवार को उनका 9 साल का बेटा काशीविश्वनाथ पटेल अपने चार दोस्तों के साथ नदी नहाने गया था। उसके चारों दोस्त नदी में नहाने के बाद वापस लौट गए। इधर काशी पीछे छूट गया।

शाम होने के बाद भी काशी घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसके दोस्तों से पूछताछ शुरू की। तब उसके दोस्तों ने नदी में नहाने के लिए साथ में जाने की बात बताई। सकरी पुलिस को रात नौ बजे सूचना दी गई। सकरी थाना प्रभारी प्रदीप आर्य अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। रात में अंधेरा होने के कारण आसपास पानी में उसकी तलाश की गई। इसमें मासूम का कुछ पता नहीं चला। रविवार को सुबह 5 बजे बालक का शव मिला।

हर साल मौत, फिर भी सबक नहीं

अरपा नदी पर दो मुहानी से लेकर सेंदरी और घुटकू तक जगह-जगह मौत का गड्ढा है, जिसे खनिज विभाग की मिलीभगत से रेत माफियाओं ने बनाया है। हर साल इन गड्ढों में किसी न किसी की जान चली जाती है और हर बार प्रशासनिक अफसर मामले को रफादफा कर देते हैं। पिछली बार तीन बच्चियों के डूबने के बाद हाईकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया था। लेकिन इसके बाद भी रेत माफिया बेखौफ होकर अरपा में रेत निकालने बड़े-बड़े गड्ढे किए हैं। अब बारिश के साथ रेत माफियाओं के द्वारा रेत खनन से किए गए गड्ढों में अब पानी भर गया है। ऐसे में इसमें पानी भरने से ये खतरनाक होते जा रहे हैं।

हाईकोर्ट ने कहा था, माइनिंग एक्ट के अनुसार एफआईआर क्यों नहीं?

अरपा सहित प्रदेश में अवैध रेत खुदाई को लेकर हाईकोर्ट लगातार सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दे रहा है। 24 मार्च को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने टिप्पणी की थी कि नदी में अवैध रेत खुदाई जारी ह्रै, सिर्फ जुर्माना लगाने से समस्या दूर नहीं होगी। अवैध खनन करने वाले बड़े लोग हैं, जो मामूली जुर्माना भरकर उससे 100 गुना ज्यादा कमाते हैं।

कोर्ट ने कहा कि जब माइनिंग एंड मिनरल एक्ट लागू हैं तो इसके अनुसार सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। ऐसा नहीं हो सकता कि कोई बार- बार अवैध माइनिंग करता रहे और उसे जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाए। राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि अब अवैध रेत खुदाई और परिवहन करने वालों पर एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है। मोटर व्हीकल एक्ट में भी कार्रवाई की जा रही है। हाईकोर्ट ने कहा रेत खनन को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाना होगा।