बिलासपुर. नगर निगम सीमा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अधूरे और स्वीकृति के बाद काम शुरू नहीं होने वाले आवास अधिकारियों की गले की फांस बन गए हैं। जिन आवासों का निर्माण किया जाना है उनका एलाटमेंट कुदुदंड की तीन बढ़ी झुग्गी झोपड़ियों के साथ तालापारा , अशोक नगर और चिंगराजपारा में की झ़ोपड़ियों में रहने वालों को किया जाना है। नगर निगम ने अधूरे और स्वीकृति आवासों को पूरा करने में अब तक सफल नहीं हुआ है।
शहर के पुराने क्षेत्रों में कुदुदंड, चिंगराजपारा, चांटडीह, और तालापारा क्षेत्र हैं। यहां सरकारी भूमि में आवास बनाकर रहने वालों की संख्या 3 हजार से अधिक है। झोपड़ियों में रहने वालों का सर्वे 7 वर्ष पूर्व हुआ था। सर्वे के आधार पर आवासों के निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। वर्ष 2019 से नगर निगम शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित शासकीय भूमि में आवासों का निर्माण शुरू किया था, लेकिन आवासों का निर्माण 5 वर्षों में भी नहीं हो पाया है। इसके साथ ही कुदुदंड पंप हाउस के पास झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों से नगर निगम ने आवास एलाटमेंट से पहले 3 हजार रुपए की रसीद भी काट चुका है, लेकिन आवास एलाटमेंट के लिए नगर निगम के पास बने हुए आवास नहीं हैं।
जारी हुई थी समय पर काम पूरा करने की चेतावनी
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने नगरीय निकाय प्रमुखों को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत सचिव भारत सरकार आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने अधूरे आवासों का निर्माण शुरू नहीं करने और अपूर्ण आवासों को पूरा नहीं करने पर आपत्ति जताई है। योजना के तहत 31 मार्च 2023 से पहले स्वीकृति आवासों में से निर्माण शुरू नहीं होने वाले आवासों को 30 जून 2023 से पहले अनिवार्य रूप से शुरू किया जाना है। 30 जून के बाद यदि स्वीकृत आवासों का निर्माण शुरू नहीं किया जाता है तो इसके निर्माण की सारी जिम्मेदारी नगर निगम बिलासपुर की होगी और इसके लिए राज्य शासन से नगर निगम को किसी प्रकार का अनुदान नहीं दिया जाएगा।
नगर निगम में आवासों की है यह स्थिति
निर्माण होने वाले आवास- 5852
निर्माण हो चुके आवास- 2068
प्रगतिरत आवास - 1508
काम शुरू नहीं होने वाले आवास- 2276
स्थिति ऐसी कि 2 वर्ष बाद भी नहीं बन पाएंगे आवास
सूत्रों के अनुसार जिन 2276 आवासों का निर्माण होना है उन्हें अब तक शुरू नहीं किया जा सका है। 2068 आवासों को बनाने में नगर निगम अधिकारियों को 5 वर्ष लग गए हैं। जबकि इससे अधिक आवासाें का निर्माण होना है। निर्माण की यही रफ्तार रही तो आगामी 2 वर्षों में भी आवासों का निर्माण नहीं हो पाएगा।
वर्तमान में आवासों के निर्माण से संबंधित सारे काम बंद हैं। निर्माण कब तक पूरा हो गया यह बता पाना संभव नहीं है।
सुरेश बरूआ नोडल अधिकारी, पीएमएवाई, नगर निगम