
एमबीबीएस प्रवेश नियम (Photo Patrika)
Medical Education: ढालसिंह पारधी @ बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स ) में अब हिंदी में भी एमबीबीएस (बैचलर आफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) की पढ़ाई होगी। सिम्स की सेंट्रल लाइब्रेरी में एमबीबीएस से संबंधित 11 विषयों की 792 हिंदी पुस्तकें रखी गई हैं, जिसका छात्र-छात्राएं लाभ उठा सकते हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हिंदी दिवस पर इसकी घोषणा की थी। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सिम्स को हिंदी की पुस्तकें खरीदने के लिए दस लाख रुपये दिए थे। तभी से सिम्स ने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई कराने वाला सिम्स पहला मेडिकल कॉलेज बन गया है। हालांकि छात्र-छात्राएं इस बात को लेकर स्वतंत्र रहेंगे कि उन्हें किस भाषा में मेडिकल की पढ़ाई करनी है और परीक्षा देना है। इसमें छात्र हिंदी या अंग्रेजी में पढ़ाई कर सकेंगे।
नई व्यवस्था लागू होने से हिंदी माध्यम से पढ़ने वाले और रूरल छात्रों यानी करीब 20 फीसदी मेडिकल स्टूडेंट्स की परेशानी दूर हो जाएगी। दरअसल, मेडिकल की पढ़ाई में जिन अंग्रेजी शब्दों का उपयोग होता है, वह बेहद कठिन होता है। हिंदी माध्यम के छात्र इसे आसानी से समझ नहीं पाते। अब कक्षा हिंदी में भी होगी। वहीं मेडिकल का महत्वपूर्ण टर्म केवल अंग्रेजी में होगा। इससे अब छात्र परीक्षा भी हिंदी में दे सकेंगे। हालांकि अगर कोई छात्र अंग्रेजी में देना चाहते हैं तो वे उसके लिए भी स्वतंत्र होंगे।
सिम्स के डीन डॉ. रमणेश मूर्ति ने बताया कि अभी तक प्राध्यापक अंग्रेजी में पढ़ाई कराते हैं। इसमें वे अभ्यस्त हो चुके हैं। वही अब हिंदी में पढ़ाई कराने में कुछ तकनीकी व व्यावहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए प्राध्यापकों को हिंदी में पढ़ाने के लिए प्रशिक्षण देकर संवेदनशील बनाया जाएगा।
एमबीबीएस की 11 विषयों की पुस्तकें लाइब्रेरी में उपलब्O है। इसमें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायो कैमिस्ट्री, एनेस्थिसिया, नेत्र रोग आदि पुस्तकें हिन्दी वर्जन में हैं। प्रोफेसरों को किताबें दिखा दी गई है। - डॉ. रमणेश मूर्ति
Published on:
12 Mar 2025 08:44 am
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