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मानसून भटका,लगातार धूप खिलने से बढ़ी उमस और गर्मी, इधर खेत सूखने लगे , किसानों की बढ़ी चिंता

बिलासपुर. मौसम के कई दिनों से भटकने के कारण शहर समेत आसपास के क्षेत्र में लगातार धूप खिलने से उमस और गर्मी बढ़ गई है। धान की फसल के लिए बोआई के बाद अगस्त महीने के अंत तक जितना वर्षा का जल चाहिए था वह नहीं मिलने से फसल चौपट होने की चिंता किसानों को सता रही है। मौसम विभाग ने लगातार तापमान में बढ़ोतरी की संभावना जताई है।

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मानसून भटका,लगातार धूप खिलने से बढ़ी उमस और गर्मी, इधर खेत सूखने लगे , किसानों की बढ़ी चिंता

मानसून भटका,लगातार धूप खिलने से बढ़ी उमस और गर्मी, इधर खेत सूखने लगे , किसानों की बढ़ी चिंता

गुरुवार को सुबह की शुरूआत धूप खिलने के साथ हुई। इससे पहले पिछले 15 दिनो से बारिश नहीं के बराबर होने के कारण लगातार तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में पहली बार पारा 34.4 डिग्री सेल्सियस के पार हुआ। गुरुवार को शहर और आसपास के क्षेत्र में तापमान में बढ़ोतरी के साथ उमस और गर्मी बढ़ गई। लोग इससे हलाकान रहे और चेहरे को ढांकने स्कार्फ और गमछे से ढांककर निकलते रहे। लगातार धूप खिलने और बारिश नहीं होने से जुलाई महीने में धान की खेती करने वाले किसानों के लिए चंता बढ़ गई है। धान की फसल के लिए जितने पानी की जरूरत है वह अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह तक नहीं मिलने से अब स्थिति और चिंताजनक हो गई है।गुरुवार को शहर का अधिकतम तापमान 34.4 और न्यूनतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस रहा।

हल्की से मध्यम बारिश की संभावना
मौसम विज्ञानी एचपी चन्द्रा के अनुसार मानसून द्रोणिका हिमालय की तराई में लगातार बना हुआ है। एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर- पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर और दूसरा ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे लगे बिहार के ऊपर तक फैला है। इसके प्रभाव से 1 सितंबर को प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने, गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। अधिकतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।


प्रदेश के प्रमुख शहरों के तापमान

शहर- तापमान
रायपुर-34.0

बिलासपुर-34.4
पेण्ड्रा-34.4

अंबिकापुर- 31.6
जगदलपुर-33.6

दुर्ग-33.6
राजनांदगांव-34.5

धान की फसल के लिए अगस्त महीने तक पानी पर्याप्त मात्रा में चाहिए होता है। यह समय धान के पौधों के बढ़ने का होता है। जिन क्षेत्रों में हर की सुविधा है वहां बांधों से पानी पहुंच रहा है, लेकिन जहां नहर के माध्यम से पानी नहीं मिल रहा है वहां आगामी 15 दिनों में अच्छी बारिश नहीं होने पर स्थिति चिंताजनक हो जाएगी।
पीडी हथेश्वर

उप संचालक कृषि विभाग