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कौशल विकास के लिए 16 कोर्से में 900 से अधिक लोगों को दी जा रह ट्रेनिंग

गांव से निकलकर युवा आज स्किल्स की ट्रेनिंग ले रहे है, जिसमें किसी विशेष तरह ट्रेनिंग लेकर खुद का का स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं। यहां काफी दूरदराज से पहुंचकर युवा शहरों की ओर स्किल सीखकर अपने क्षेत्र में जाकर जीवन यापन कर रहे हैं। जिले में भी 16 कोर्स के लिए 900 से अधिक लोग को ट्रेनिंग दी जा रही हैं। इसमें असिस्टेंट इजीनियर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, जनरल ड्यूटी असिस्टेंट, इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियन समेत अन्य कार्य सीख रहे हैं।

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कौशल विकास के लिए 16 कोर्से में 900 से अधिक लोगों को दी जा रह ट्रेनिंग

सिलाई व कढ़ा की ट्रेनिंग देत हुई समाजसेवी चुन्नी मौर्या

जिले में कैशल विकास के लिए विशेष रूप से ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके लिए अलग-अलग कोर्स में समय भी निर्धारित किया गया है। एक-एक कोर्स में 25 से 30 लोग एक साथ काम सीख रहे हैं। यहां मुख्य रूप से स्किल बेस ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे वे काम प्रैक्टिकल के तौर पर काम सीख रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रह रही महिलाओं के आर्थिक तरक्की में विशेष असर डाला है। बता दें कि जिले में 16 कोर्स हैं, जिसमें 900 से अधिक लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है। यहां स्किल बेल काम लोगों को सिखाया जा रहा है। यह कार्य कौशल विकास प्राधिकरण के तहत सिखाया जा रहा है। इसमें बिल्हा मोड़ के पास रायपुर रोड निपनिया, इंजीनियरिंग कॉलेज कोनी, रतनपुर रामटेकरी मंदिर के पास, राजीव गांधी चौक जरहाभाटा, बिलासपुर-मरवाही बाईपास रोड रतनपुर समेत अन्य जगहों पर विशेष रूप से ट्रेनिंग दी जा रही है। शहर में कई ऐसी महिलाएं है जैसे चुन्नी मौर्या जो खुद से लोगों को जागरूक करते हुए सिलाई, बुनाई और कढ़ाई करना सिखा रही और महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है। इससे वे महिलाएं ट्रेनिंग लेकर अपना काम शुरू कर रही हैं।

गैजेट का काम सीखकर शुरू कर रहे स्टार्टअप

मौजूदा दौरा में मोबाइल समेत अन्य इलेक्ट्रिकल गैजेट के बिना हर व्यक्ति खुद को अधूरा समझता है। तेजी से बढ़ती टेक्नोलॉजी की फील्ड में कॅरियर बनाने की भी अपार संभावनाएं हैं। दिनों दिन मोबाइल समेत अन्य गैजेट उपयोग करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इसके लिए राजीव प्लाजा में युवा मोबाइल बनाने व इलेक्ट्रानिक गैजेट का काम बड़ी संख्या में सीख रहे हैं। यहां से काम सीखने के बाद वे अपना स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं। इससे उन्हें अच्छी कमाई भी हो रही है। संजय साहूने बताया कि उन्होंने पहले मोबाइल रिपेयरिंग का काम सीखा। इसके बाद अब वह एक निजी दुकान में एक्सपर्ट के तौर पर मोबाइल बनाने का काम कर रहा है। तेजी से बढ़ती मोबाइल रिपेयर की डिमांड को देखते हुए इस फील्ड में आगे बढ़ा जा सकता है। यह एक ऐसा रोजगार है, जिसके मालिक आप खुद होते हैं। इस काम को सीखकर आप खुद का काम शुरू कर सकते हैं और अच्छा खासा पैसा भी कमा सकते हैं।

स्किल बेल ट्रेनिंग कर ले रहे सरकारी नौकरियां

इन दिनों युवा स्किल बेल काम सीख रहे हैं। इसके लिए उन्हें सार्टिफिकेट भी दिया जा रहा है। सरकार भी इऩ्हों कौशल रूप से प्रशिक्षण देने के साथ नौकरियों के लिए काबिल बना रही है। ट्रेनिंग के बाद मिले सार्टिफिकेट नौकरियों में भी मान्य किया जाता है। इसलिए अब बड़ी संख्या में युवा समेत अन्य लोग प्रशिक्षण ले रहे हैं। खास बात यह है कि यहां से ट्रेनिंग लेकर ये अपने काम में निपुण हो जाते हैं, तो इनके लिए प्राइवेट कंपनियों के भी दरवाजे खुले हुए रहते हैं।