
बिलासपुर . शासन से मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों की जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति गठित की गई है। इस समिति के माध्यम से कर्मियों की समस्याओं का निराकरण करने का नियम बनाया गया है। इसकी बैठक कलेक्टर की मौजूदगी में होती है। हर तीन माह में होने वाली बैठक विगत तीन वर्षों से नहीं हुई है। जिला स्तर पर कर्मचारियों के समस्याओं को जानकार उसके निराकरण करने के लिए परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया है। कलेक्टर के नेतृत्व में बनीं इस समिति में शासन से मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के जिला अध्यक्ष और सचिव को सदस्य के तौर पर रखा गया है। जिले में मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों की संख्या 14 से
अधिक है।
इन समस्याओं पर होती है चर्चा
समिति की बैठक में मुख्य रूप से जिला स्तर पर विभागों के कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची, पदोन्नति पर चर्चा होती है। इसके साथ ही कर्मचारियों के लंबित विभागीय जांच, संलग्नीकरण, निलंबन, अनुकंपा नियुक्ति, समयमान वेतन निर्धारण आदि विभागों के मामलों को निराकरण करने के लिए विस्तार से चर्चा होती है।
3 माह की बैठक 3 वर्ष से नहीं हुई
सामान्य प्रशासन विभाग ने जिला स्तर पर गठित कर्मचारी परामर्शदात्री समिति की बैठक प्रत्येक तीन माह में लेने के निर्देश कलेक्टर को हैं, लेकिन तीन वर्ष में दो कलेक्टर बदल गए। तीसरे कलेक्टर का कार्यकाल को छह माह बीत गए है। अब तक इस समिति की बैठक नहीं हुई है।
दो बार हो चुका बहिष्कार
तत्कालीन कलेक्टर अन्बलगन पी. के कार्यकाल में कर्मचारी परामर्शदात्री समिति की बैठक तीन बार आयोजित की गई थी। लेकिन तीनों बैठकों में तत्कालीन कलेक्टर की गैरमौजूदगी पर किसी भी विभाग के प्रमुख उपस्थित नहीं हुए थे। इसलिए समिति के सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया था। हालांकि इस बैठक में अतिरिक्त कलेक्टर बतौर कलेक्टर के मौजूद रहे पर इक्के-दुक्के विभाग प्रमुख उपस्थित रहे। तब कर्मचारियों ने विभाग प्रमुखों के नहीं होने पर समस्याओं का निराकरण नहीं होने का मुद्दा उठाया था।
क्या कहते हैं पदाधिकारी
कर्मचारी परामर्शदात्री समिति की नियमित बैठकें नहीं होने से कर्मचारियों की विभागीय तौर पर समस्याएं बढ़ी हैं। इस पर कलेक्टर को पहल करनी चाहिए, ताकि कर्मियों की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता से हो सके।
जीआर चंद्रा, जिला अध्यक्ष, छग प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, बिलासपुर
परामर्शदात्री समिति की बैठक तीन साल से नहीं हुई है। इससे विभागों को कर्मचारियों की समस्या बढ़ गई है। इसके लिए जिला प्रशासन को पहल करनी चाहिए ।
आलोक पंराजपे, जिला अध्यक्ष, छग लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ,बिलासपुर
परामर्शदात्री समिति की बैठक नहीं होने से कर्मचारियों की काफी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है। इस मामले में कलेक्टर को पहल करनी चाहिए, ताकि विभाग प्रमुख समस्याओं का निराकरण करने में रुचि लें।
विश्राम प्रसाद निर्मलकर, जिला अध्यक्ष, छग प्रदेश शिक्षक संघ, बिलासपुर
Published on:
15 Jan 2018 12:23 pm
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