
शिव मंदिर में जल अर्पित करने लोगों का लाइन लगी रही
बिलासपुर. 8 मार्च शुक्रवार को महाशिवरात्रि का पर्व जोरापारा मंदिर में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया गया। महाशिवरात्रि हिन्दुओं का प्रमुख धार्मिक पर्व है। ये पावन पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के ही दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। आज के दिन शिवभक्त व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन रात में जागने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। वैज्ञानिक रूप से देखें तो महाशिवरात्रि की रात में ब्रह्माण्ड में ग्रह और नक्षत्रों की ऐसी स्थिति बनती है जिससे शरीर के भीतर की ऊर्जा प्राकृतिक रूप से ऊपर ब्रह्मांड की ओर जाने लगती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है.
महाशिवरात्रि पर्व के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन शिव-पार्वती विवाह के पवित्र बंधन में बंधे थे। इसी प्रकार बंधवापारा शिव मंदिर में भी भक्तों की भीड़ लगी रही। लोग शिव जी को जल अर्पित करने के लिए लाइन लगाके खड़े थे। शिव जी के प्रति भक्तों में अपार श्रद्धा दिखी। हर साल इस दिन भगवान शिव के ’योतिर्लिंग स्वरूप में प्रकाट्य पर्व के रूप महाशिवरात्रि मनाई जाती है। मान्यता है कि शिवजी के निराकार स्वरूप के प्रतीक 'लिंग ' शिवरात्रि के दिन महानिशा में प्रकट हुए थे और सबसे पहले ब्रह्मा और विष्णुजी के द्वारा पूजित हुए थे।
Published on:
08 Mar 2024 06:13 pm
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