Online Shopping Apps : बढ़ते डिजिटल गैजेट के उपयोग के चलते आपकी निजी जानकारी अब गोपनीय नहीं रह गई है।
आलोक मिश्र@बिलासपुर . बढ़ते डिजिटल गैजेट के उपयोग के चलते आपकी निजी जानकारी अब गोपनीय नहीं रह गई है। दुनिया भर के तमाम ई-कॉमर्स वेबसाइट आप के ही डाटा का इस्तमाल कर आपको उन चीजों को खरीदने के लिए उत्तेजित करते है, जिसकी वास्तव में आपको अधिक आवश्यकता नहीं होती है।
इसे ही इम्पल्सिव खरीदी करना कहते है। एक्सपर्ट ने बताया कि शॉपिंग हमारे मस्तिष्क में डोपामाइन नाम के केमिकल पैदा करती है, जिससे आपको गुड फीलिंग का एहसास होता है।
इम्पल्सिव खरीदी को हम अनियोजित खरीदारी और भावनात्मक उत्तेजना में की गई खरीदी के रूप में भी देखा जाता है। इम्पल्सिव खरीदारी का प्रभाव अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रह गया है। छोटे शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगो तक अब कोई भी इससे अछूता नहीं है।
पैटर्न रिकॉग्नाइजेशन का खेल
आईटी एक्सपर्ट अखिलेश तिवारी ने बताया कि आपके द्वारा सर्च किए गए प्रोडक्ट्स को एआई पैटर्न रिकॉग्नाइजेशन प्रोग्राम आपके द्वारा ऑनलाइन सर्च किए गए डाटा का इस्तमाल करते हुए आपकी पसंद और नापसंद को समझने की कोशिश करता है।
एक बार जब पैटर्न रिकॉग्नाइजेशन प्रोग्राम के माध्यम से एआई आपको समझने लग जाता है तब इसका विभिन्न प्लेटफॉर्म्स द्वारा इसका इस्तमाल आपको खरीदी के लिए इन्फ्लुएंस करने के लिए किया जाने लगता है।
एक्सपर्ट की राय
हमें आवश्यकताओं व चाहतों के बीच के अंतर को समझना होगा। वह हर एक चीज जिसके आपको चाहत है और जरुरी नहीं की वो आपके लिए आवश्यक हो। इम्पल्सिव खरीदी से बचने के लिए आप अपने फ़ोन के सेटिंग में कुछ बदलाव कर सकते हैं।
ऑनलाइन एडवरटाइजर भ्रम पैदा करने की कोशिश करते है कि सेल में खरीदी करे और पैसे बचाए। इस तरह के भ्रामक विज्ञापनों से बचने की जरुरत है।
जब आप कुछ खरीदना की राय बना रहे हो उस वक़्त जो वस्तु आप खरीदना चाहते है उसके फायदे नुकसान सोचने के लिए खुद को वक़्त दे।