
मस्तूरी क्षेत्र में जर्जर स्कूल
बिलासपुर. जिले के मस्तूरी क्षेत्र में ज्यादातर स्कूलों की हालत काफी जर्जर है। यहीं छात्रों को पढऩे के लिए बिठाया जाता है, कब छत गिर जाए, इसका कोई ठिकाना नहीं है। यही वजह है कि कई स्कूलों में छात्रों को बरामदे में बिठाया जा रहा है, ताकि ऐसी स्थिति बनने पर तात्कालिक तौर पर उन्हें बाहर किया जा सके। मस्तूरी क्षेत्र में कुल 90 स्कूल हैं। इनमें ज्यादातर स्कूल जर्जर अवस्था में हैं, लिहाजा पालक अपने बच्चों को स्कूल भेजने में डर रहे हैं कि किसी दिन उनके बच्चों पर छत ही न गिर जाए।
स्कूलों की मरम्मत के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को बजट मिला है, लेकिन नाम मात्र का। जबकि मिले नामिनल बजट से कई गुना ज्यादा बजट का प्रस्ताव शिक्षा विभाग ने शासन के समक्ष रखा था, ताकि सभी स्कूलों का जीर्णोद्धार हो सके। विभाग के लिए चिंता का विषय है कि इतने कम बजट में कैसे मरम्मत कार्य कराया जाए। यही वजह है कि गर्मी की छुट्टियों में चंद स्कूलों में ही मरम्मत कार्य हो सका है। पत्रिका ने ग्राउंड में जाकर स्कूलों की स्थिति को देखा। कुछ जगह ऐसे जर्जर स्कूल हैं जहां भवनों को ढहाकर फिर से बनाने की जरूरूत है। अभिभावकों का कहना है कि कोई विकल्प न होने की वजह से अपने बच्चों को जीर्णशील स्कूल में ही पढऩे भेजना पड़ रहा है। लेकिन हर वक्त उनकी सुरक्षा को लेकर भय बना रहता है।
इधर कलेक्टर ने बैठक में स्कूलों के जीर्णोद्धार में तेजी लाने दिए निर्देश
कलेक्टर सौरभ कुमार ने टीएल बैठक में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत जिले में स्वीकृत विभिन्न निर्माण कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जिले के विभिन्न जर्जर व मरम्मत योग्य स्कूल भवनों के उन्नयन, अतिरिक्त कक्ष निर्माण सहित अन्य कार्य किया जा रहा है। अभी शिक्षा सत्र प्रारंभ होने वाला है। इसलिए उक्त कार्यों को प्राथमिकता के साथ जल्द पूर्ण करने किया जाए। इसके अलावा जिले में खुलने वाले नए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के निर्माण कार्यों की जानकारी लेते हुए निर्माण कार्यों में तेजी लाने को कहा है।
Published on:
21 Jun 2023 01:52 am
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