
बिलासपुर . तीन जलाशयों का कायाकल्प किया जाएगा। ताकि पर्यटकों को लुभाया जा सके। इसके लिए जल संसाधन विभाग कार्ययोजना तैयार कर रहा है। इसके लिए एक राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति एक माह के भीतर तीनों जलाशयों को विकसित करने की कार्ययोजना रिपोर्ट तैयार करके सौंपेगी। खूंटाघाट, घोंघा एवं चांपी जलाशयों को विकसित करने के बाद वहां जाने वाले पर्यटकों से शुल्क लेने की योजना प्रस्तावित है। जल संसाधन विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने प्रदेश के सभी मुख्य अभियंताओं की रायपुर में बैठक ली। इसमें हसदेव कछार व मिनीमाता हसदेव बांगो के मुख्य अभियंता एसके अवधिया, आरएन दिव्य शामिल हुए। बैठक में जिले के प्रमुख जलाशय खूंटाघाट ,घोंघा जलाशय एवं चांपी जलाशय को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। तीनों जलाशयों को आकर्षक बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। ताकि अधिकाधिक पर्यटक इन स्थलों पर जाए। इसके लिए विभाग की तरफ से किसी प्रकार का कोई बजट नहीं दिया जाएगा। इसे स्वयं के संसाधनों से विकसित किया जाएगा।
टिकट लगाने की तैयारी : जलाशयों को खूबसूरत बनाने और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विकसित करके विभाग किसी समिति को इसके संचालन के लिए सौंप सकता है। इसके रखरखाव पर होने वाले खर्च नो लॉस नो प्रॉफिट के तहत संचालित किया जाएगा।
मिरौनी, बसंत बैराज में सौंदर्यीकरण : जांजगीर-चांपा जिले महानदी पर दो बैराज हैं। इनमें मिरौनी बैराज, बसंज बैराज शामिल है। इन दोनों स्थलों को भी पर्यटन के रूप में विकसित करने की योजना है। दोनों स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए शासन से स्वीकृति मिल गई है। दोनों बैराज क्रमश: ६-६ एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसके लिए निविदा की प्रक्रिया जारी है।
टिकट दर निर्धारित करने का है प्रस्ताव : खूंटाघाट, चांपी और घोंघा जलाशयों को पर्यटकों के लिए और बेहतर बनाने की योजना है। इसके लिए राज्य स्तरीय समिति बनाई गई है। यह समिति एक माह में रिपोर्ट तैयार कर सौंपेंगी। इसे विकसित करने के बाद इन स्थलों के लिए टिकट दर निर्धारित करने का प्रस्ताव है।
एसके अवधिया, मुख्य अभियंता, हसदेव कछार, जल संसाधन बिलासपुर
Published on:
08 Dec 2017 11:51 am
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