
Bilaspur News: हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर 12 मार्च को फुलेरा दूज का त्योहार मनाया जाएगा। इस अवसर पर श्रीराधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना करने का विधान है। फुलेरा दूज पर फूलों की होली का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक श्रीराधा-कृष्ण की पूजा और व्रत करने से वैवाहिक जीवन खुशहाली से भरा रहता है और श्री राधा-कृष्ण प्रसन्न होते हैं। फुलेरा दूज पर श्री राधा-कृष्ण की पूजा करना फलदायी होता है। जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन श्रीकृष्ण राधा और उनकी गोपियों संग फूलों की होली खेलते हैं। मान्यता है कि इस दिन रंग-बिरंगे फूल श्रीकृष्ण को अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है। सुयोग्य जीवनसाथी की कामना के साथ इस दिन कुंवारी लड़कियां व्रत भी रखती हैं।
फुलेरा दूज के दिन ब्रह्मा बेला में उठें और दिन की शुरुआत श्रीराधा-कृष्ण के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। अब सूर्य देव को जल अर्पित करें। श्रीराधा-कृष्ण का गंगाजल, दही, जल, दूध और शहद से अभिषेक करें। उन्हें वस्त्र पहनाकर विशेष श्रृंगार करें। अब उन्हें चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर कर विराजमान करें। उनके ऊपर टोकरी से फूलों की बरसात करें। इसके बाद नैवेद्य, धूप, फल, अक्षत समेत विशेष चीजें अर्पित करें। घी का दीपक जलाकर उनकी आरती और मंत्रों का जाप करें। इसके पश्चात उन्हें माखन मिश्री, खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं। भोग में तुलसी दल को अवश्य शामिल करें। मान्यता है कि बिना तुलसी दल के भगवान श्री कृष्ण भोग स्वीकार नहीं करते हैं। अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 11 मार्च को सुबह 10 बजकर 44 मिनट से होगी। इसका समापन 12 मार्च 2024 को सुबह 07 बजकर 13 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे में फुलेरा दूज का पर्व 12 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन श्री राधा-कृष्ण की पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 32 मिनट से दोपहर 02 बजे तक है।
Published on:
10 Mar 2024 04:13 pm
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