दिसंबर 2022 में रेत घाट ठेका बंद होने के बाद लगातार नदी से अवैध उत्खनन का खेल जारी है। रेत घाट ठेके के दौरान लोगों को आसानी से एक ट्रैक्टर रेत 1200-1500 रुपए में गुणवत्ता के आधार पर मिल जाती थी। इससे लोग आसानी से अपना घर बनवा रहे थे, लेकिन रेत घाट ठेका बंद होने के बाद रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं। वर्मतान में रेत की कीमतें अवैध उत्खनन के कारण 4 गुना हो गई हैं। एक ट्रैक्टर रेत की कीमत 4 हजार रुपए पहुंच गई है। यह रेत नदी से अवैध रूप से उत्खनन की गई रेत है। इसी रेत का रेत घाट ठेके केदौरान लोग 1200 रुपए चुका थे, लेकिन अब इसके लिए दोगुना से अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।
जिले में 3 रेत घाट का हो चुका ठेका, लेकिन अनुमति नहीं
खनिज विभाग ने जिले में अरपा नदी से रेत उत्खनन के लिए लछनपुर, अमलडीहा और उदईबंद रेत घाट के लिए फरवरी महीने में लॉटरी निकानी थी। रेत घाट ठेके पर देने के लिए सारी प्रक्रियाएं पूरी कर दी गई हैं। खनिज विभाग की ओर से रेत घाट खोलने के लिए रेत तय करने और अनुमति के लिए पर्यावरण संरक्षण मंडल को भेजा है, लेकिन तीन महीने बीतने के बाद भी रेत घाट के लिए अनुमति पर्यावरण विभाग ने नहीं दी है।
यहीं हाल रहा तो बारिश मे हो जाएगी कीमत 10 गुनी
वर्तमान में जिस तरह रेत घाट के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है उससे लगातार रेत की कीमतें बढ़ रही हैं। ऐसा ही रहा तो बारिश के मौसम में रेत का उत्खनन में परेशानी होने कारण माफिया इसकी कीमत 10 गुना महंगा कर सकते हैं।
बड़े प्रोजेक्ट वालों को राहत, मकान बनाने वालों के लिए आफत
शहर में बड़े प्रोजेक्टों पर लगातार काम चल रहा है। नदी किनारे अरपा उत्थान तट संवर्धन योजना और नदी में बैराज निर्माण ये दो बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इन दोनों प्रोजेक्ट पर काम करने वाले मुफ्त में रेत का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन अपना घर बनाने के लिए रेत खरीदने वालों के लिए आफत आ गई है। खासकर लोन लेकर मकान बनाने वालों की परेशानियां बढ़ गई है। एक ओर वे लोन का भुगतान कर रहे हैं और दूसरी ओर रेत नहीं मिलने के कारण उनके मकान का निर्माण भी पूरा नहीं हो पा रहा है।
पिछले 6 महीनों में रेत की कीमत का अंतर
महीना – पटान रेत – फ्रेश या बारिक रेत
नवंबर 2022- 1200- 1500
जनवरी2023- 2000- 2500
मार्च 2023- 2200- 3200
मई 2023- 3000- 4000
ठेका प्रक्रिया पूरी करने के बाद दर निर्धारण और अनुमति के लिए पर्यावरण विभाग को भेजा गया है। अनुमति नहीं मिलने के कारण रेत घाट शुरू नहीं किए जा सके हैं।
डॉ दिनेश मिश्रा
खनिज अधिकारी