
Shravan Month 2024: भगवान भोलेनाथ की आराधना के पवित्र श्रावण मास की शुरुआत इस बार कृष्ण पक्ष की एकम 22 जुलाई से होगी। इस दिन सोमवार है। श्रावण का समापन श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 19 अगस्त को होगा, इस दिन भी सोमवार रहेगा। श्रावण मास 29 दिन का रहेगा, जिसमें कृष्ण पक्ष 14 दिन और शुक्ल पक्ष के 15 दिन होंगे।
ज्योतिष एवं वास्तुविद जानकीशरण मिश्र ने बताया कि श्रावण मास में 5 सोमवार का आना और पहले दिन व अंतिम दिन सोमवार होना शुभ संकेत है। यही नहीं श्रावण कृष्ण पक्ष का प्रारंभ सोमवार से और श्रावण शुक्ल पक्ष का प्रारंभ भी सोमवार से ही होगा। आखरी सोमवार को पूर्णिमा तिथि के साथ रक्षाबंधन पर्व का संयोग भी रहेगा। श्रावण माह में पांच सोमवार होने से आमजन के लिए धन-धान्य सुख-समृद्धि कारक है। शहर के प्रमुख शिवालय अचलेश्वर मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य भी तेजी से जारी है, इसे भी श्रावण मास शुरू होने से पूर्व पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही 42 लाख रुपए की लागत की तैयार की जा रही चांदी की जलहरी को यहां 15 जुलाई तक लगा दिया जाएगा।
सोमवार - तिथि - तारीख
पहला - एकम - 22 जुलाई
दूसरा - नवमी - 29 जुलाई
तीसरा - एकम - 05 अगस्त
चौथा - सप्तमी - 12 अगस्त
पांचवा - पूर्णिमा - 19 अगस्त
सावन का पहला मंगला गौरी व्रत- 23 जुलाई, 2024
सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत- 30 जुलाई, 2024
सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत- 6 अगस्त, 2024
सावन का चौथा मंगला गौरी व्रत- 13 अगस्त, 2024
इस बार सावन मास बहुत खास रहने वाला है। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से मूल रूप से श्रावण की शुरुआत मानी जाती है। हालांकि शास्त्रीय मान्यता में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से ही श्रवण का आरंभ हो जाता है, किंतु पक्ष काल की गणना से देखें तो 22 जुलाई को सोमवार के दिन श्रवण नक्षत्र में प्रीति योग के संयोग में मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में श्रावण मास का आरंभ होगा। इस माह में अमृत सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि और रवि पुष्य का भी संयोग बन रहा है।
इस बार श्रावण मास में चार नहीं पांच सोमवार होंगे। यही नहीं इसकी शुरुआत सोमवार तो समाप्ति भी सोमवार को होगी। इस बीच कई शुभ संयोगों में भगवान शिव की आराधना होगी।
पंडित ओंकार अग्निहोत्री के अनुसार श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना करने से मनोरथ सिद्ध होते हैं। पूरे मास पर्यंत शिव कथा, लीला, अमृत का पारायण या शिव महापुराण का पारायण, शिव स्तोत्र के पाठ, शिव कवच या महामृत्युंजय की साधना आराधना करने से मन, बुद्धि, शरीर का रोग, दोष समाप्त होता है। उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
पं. नूतन प्रसाद शर्मा के अनुसार ज्योतिष में विषय संख्या का काफी महत्व है। जैसे 5 सोमवार का होना या 29 दिनों का माह होना और इसके साथ ही 9 योग का होना अति शुभ है। श्रावण मास भी शिव का ही महीना है। ऐसे में इसी माह में 5 सोमवार होना संयोग से कम नहीं है। क्योंकि सामान्य तौर पर हर माह एक बार 5 बार और बाकी 4 बार आते हैं। दूसरी ओर, इस माह राजयोग, कुमार योग, दुग्ध योग, अमृत सिद्धि योग, व्रज मूसल योग, स्थिर योग, रवि योग, राजयोग और सिद्धि योग आदि 9 योग भी रहेंगे।
पंडितों के अनुसार श्रावण मास में ग्रहों के नक्षत्र परिवर्तन भी होंगे। मंगल ग्रह का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश होगा। गुरु भी रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। शुक्र मघा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। सूर्य अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। 16 जुलाई को सूर्य मघा नक्षत्र में और शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के पहले चरण में प्रवेश करेंगे।
Updated on:
14 Jul 2024 07:32 am
Published on:
13 Jul 2024 04:19 pm
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