25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सरस्वती शिशु मंदिर के आचार्य गए हड़ताल पर, पढ़ाई हो गई ठप, देखें वीडियो

उन्हें 20 प्रतिशत महंगाई भत्ता व दीपावली का बोनस दिया जाए। मांग पूरी न होने पर समस्त स्टाफ ने 14 अक्टूबर को शैक्षणिक कार्य नहीं किया।

2 min read
Google source verification
strike

बिलासपुर . तिलनगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में सोमवार को पढ़ाई नहीं हो सकी। यहां के सभी शिक्षक व स्टाफ दीपावली बोनस व महंगाई भत्ते को लेकर हड़ताल पर रहे। आचार्यों की हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहेगी। विद्यालय प्रबंधन ने सभी आचार्यो को काम पर वापस आने का नोटिस जारी किया है। टीचरों के क्लास पर न जाने के कारण बच्चे दिनभर भटकते रहे। विद्यालय का शैक्षणिक कार्य पूरी तरह से ठप रहा। दरअसल सरस्वती शिशु मंदिर पहली कक्षा से लेकर हायर सेकेण्डरी तक संचालित है। यहां पर करीब डेढ़ हजार बालक-बालिकाएं अध्ययनरत हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए विद्यालय प्रबंधन द्वारा विभिन्न विषयों के करीब 40 शिक्षकों को रखा गया है। करीब डेढ़ दर्जन अशैक्षणिक स्टाफ भी कार्यरत है। प्रबंधन द्वारा हर साल अपने स्टाफ को दीपावली पर बोनस दिया जाता था, लेकिन इस वर्ष यह नहीं दिया गया। इसी को मांग को लेकर विद्यालय के समस्त आचार्यो ने 13 अक्टूबर को प्राचार्य को ज्ञापन भी सौपा, जिसमें कहा गया कि उन्हें 20 प्रतिशत महंगाई भत्ता व दीपावली का बोनस दिया जाए। मांग पूरी न होने पर समस्त स्टाफ ने 14 अक्टूबर को शैक्षणिक कार्य नहीं किया। इसके बाद दीपावली के अवकाश के बाद 23 अक्टूबर सोमवार को अपनी मांगों को लेकर विद्यालय के समस्त आचार्य व कर्मचारियों ने फिर से हड़ताल शुरू कर दी।

गुजारा चलाना मुश्किल : जानकारी के अनुसार विद्यालय में शिक्षकों को हर माह साढ़े चार हजार रुपए से 16 हजार रुपए तक वेतन दिया जाता है। प्रशिक्षु शिक्षकों को दो साल तक साढ़े चार हजार रुपए दिया जाता है। दो बार बाद इन्हें साढ़े पांच हजार रुपए वेतन दिया जाता है। जबकि वर्षो से कार्यरत आचार्यो को 16 हजार रुपए तक वेतन दिया जाता है, लेकिन ऐसे सीनियर आचार्यो की संख्या कम है। शिक्षकों का कहना है कि बढ़ती आवश्यकताओं को देखते हुए इतने कम वेतन में अब परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है।
बोनस व महंगाई भत्ते की मांग : प्रबंधन से अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए समस्त स्टाफ विद्यालय प्रांगण में ही सुबह से हड़ताल पर बैठ गया। शिक्षकों का कहना था कि उन्हें हर साल दीपावली पर प्रबंधन द्वारा बोनस दिया जाता था, लेकिन इस बार नहीं दिया गया। इसके अलावा दिन-प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई के कारण भी उनके महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी नहीं की जा रही है। इस संबंध में अभी तक विद्यालय प्रबंधन ने भी आचार्यो से कोई बात नहीं की है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रबंधन उनकी मांग को मान नहीं लेता, तब तक वह कक्षाओं में नहीं जाएंगे।

हड़ताल में शामिल स्टाफ : हड़ताल में बैठे शिक्षकों में नरेंद्र दुबे, हेमंत पाण्डेय, भरत श्रीवास, माधुरे बापते, रघुनाथ सिंह राठौर, सुधा दबे, सीमा दुबे, विनीता पाण्डेय, शशि श्रीवास्तव, गौरीशंकर मिश्रा, संस्कार श्रीवास्तव, शालिनी श्रीवास्तव, निधि अवस्थी, शारदा प्रसाद पाण्डेय, मीरा मिश्रा, संजय राजपूत, संतोष, नंद किशोर यादव, मीना सोनी, मुन्नी बाई, अरुण श्रीवास, केजऊराम कौशिक, नवल किशोर सिंह, अशोक शुक्ला, सुदर्शन पटेल, राकेश साहू, राजकुमार सिंह ठाकुर, गजानंद पेंढारकर, दुर्गा सोनी, सुनीता यादव, लीना शर्मा, समता देवांगन, अनुपमा दुबे, वृंदा चिंचोलकर, रजनी दुबे, सीडी दीक्षित, अहिल्या सोनी, आशा सोनी, राम प्रसाद यादव, मनहरण लाल कैवत्र्य, संख्या मोडरे सहित अन्य शिक्षक व स्टाफ शामिल है।
हड़ताल पर है आचार्य : बोनस व महंगाई भत्ते की मांग को लेकर विद्यालय के आचार्य हड़ताल पर हैं। इस संबंध में विद्यालय की कोर कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें आचार्यो की मांगों को खारिज कर दिया गया है। समिति के निर्णय से आचार्यो को अवगत करा दिया गया है। शैक्षणिक कार्य प्रभावित न हो, इसके उपाय भी किए जाएंगे।
राकेश पाण्डेय, प्राचार्य सशिमं तिलकनगर बिलासपुर