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विरोध के कारण नहीं हट सकी गुमटियां हाईकोर्ट से मिली तीन दिन की मोहलत

locationबिलासपुरPublished: Dec 05, 2017 03:03:52 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

हटाई जाएंगी कोतवाली थाने के सामने स्थित 49 गुमटियां, कांग्रेस और जनता कांग्रेस ने मिलाए सुर, दिन भर मचा रहा बवाल

कोतवाली गुमटी लाइन: इन दुकानों को किया जाना है शिफ्ट
बिलासपुर . सोमवार को सिटी कोतवाली थाने के सामने स्थित 49 गुमटियों को चौपाटी पर शिफ्ट करने पहुुंचे निगम के अमले को भारी विरोध झेलना पड़ा। इस मुद्दे पर दो घोर विरोधी दल कांग्रेस और जनता कांग्रेस के नेता सुर में सुर मिलाते हुए गुमटी व्यावसायियों के साथ खड़े नजर आए। निगम के अतिक्रमण अधिकारी भी अमले के साथ पूरे दिन डटे रहे। अंतत: हाईकोर्ट के आदेश के बाद निगम के अमले ने तीन दिन की मोहलत देकर मंगलवार से शिफ्टिंग के लिए वाहन खड़े करने की बात कही है।

निगम आयुक्त के आदेश पर सोमवार सुबह अतिक्रमण निवारण अधिकारी प्रमिल कुमार शर्मा व सहायक अभियंता जुगल सिंह ने एक्सीवेटर और डंपर लेकर दुकानों के सामने चबूतरों को तोड़वाना शुरू कर दिया था। इस समय दुकानें खुली नहीं थीं। बाद में व्यापारी पहुंचे और कार्रवाई का विरोध करते हुए निगम के अमले पर सिटी कोतवाली के गेट के सामने आरके किड्स का ताला तोड़कर सामान बाहर फेंकने व गल्ले से २५ हजार रुपए निकालने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच प्रदेश कांग्रेस सचिव महेश दुबे, शहर कांग्रेस अध्यक्ष नरेंद्र बोलर, संभागीय प्रवक्ता अभयनारायण राय, युवक कांग्रेस के प्रदेश सचिव जावेद मेमन और जनता कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विशंभर गुलहरे व ब्रजेश सिंह व पार्टी कार्यकर्ताओं ने निगम की कार्रवाई पर विरोध जताते हुए कारोबारियों का समर्थन किया। सभी ने व्यापारियों को कोतवाली परिसर में ही भूखंड आबंटित कराने की मांग की।
आज से शिफ्टिंग करेगा निगम
अतिक्रमण निवारण अधिकारी प्रमिल कुमार शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने व्यापारियों को यहां से दुकानें हटाने के लिए ३ दिन की मोहलत देते हुए निगम को शिफ्टिंग में सहयोग करने आदेश दिया है। मंगलवार से शिफ्टिंग के लिए वाहन लगाए जाएंगे ताकि जो जाना चाहें उन्हें सहयोग कर सकें। इसके बाद आदेश का पालन न होने पर गुरुवार से कार्रवाई की जाएगी।
नहीं आए उपायुक्त
उपायुक्त के खिलाफ व्यापारियों मंें जबरदस्त आक्रेाश रहा। व्यापारियों ने उपायुक्तमिथलेश अवस्थी पर दुव्र्यवहार करने का आरोप लगाया। इसकी जानकारी होने पर उपायुक्त मौके पर आए ही नहीं।
ढाई लाख की चपत
बताया जाता है कि गुमटी व्यवसायी संघ ने निगम के कार्रवाई के विरोध में कानूनी लड़ाई लडऩे के लिए ढाई लाख रुपए चंदा किया। लेकिन मामला निगम के पक्ष में रहा। इससे उन्हें ढाई लाख की चपत लगी।
व्यापारियों ने घेरा थाना
व्यापारी बंद दुकान आरके किड्स का ताला तोड़कर सामान फेंकने और गल्ले से २५ हजार उड़ाने का आरोप लगाते हुए निगम अमले के खिलाफ एफआईआर की मांग को लेकर सिटी कोतवाली का घेराव कर नारेबाजी करते रहे। आरके किड्स के संचालक सरकंडा जबड़ापारा निवासी राजकुमार बहिरा ने बताया कि दो दिन से उसकी दुकान बंद थी। वह सोमवार की रात ही शहर लौटा। सुबह खबर मिलने पर पहुंचा तो दुकान का सामान बाहर फेंका जा चुका था, गल्ले से २५ हजार रुपए नगदी भी गायब है। पुलिस ने उसकी रिपोर्ट तो नहीं लिखी लेकिन लिखित शिकायत ली है।
जकांछ ने कोतवाली थाने के सामने किया प्रदर्शन
कांग्रेसी तो चले गए, लेकिन जनता कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शाम तक थाने के सामने डटे रहे। जनता कांग्रेस के नेताओं ने सभा आयोजित कर नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल, महापौर किशोर राय, निगम आयुक्त सौमिल रंजन चौबे और उपायुक्त को कोसते हुए गरीबों से रोजी-रोटी छीनने का आरोप लगाया।

गुमटी संचालकों को तीन दिन में शनिचरी रपटा में बसाने के निर्देश, याचिका निराकृत
सिटी कोतवाली के ४९ गुमटी संचालकों को शनिचरी रपटा में बसाने के निर्देश देते हुए हाईकोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी। नगर निगम प्रशासन द्वारा सिटी कोटवाली के गुमटी संचालकों को हटाने की कार्रवाई किए जाने के खिलाफ याचिका दायर कर स्टे देने की मांग की गई थी। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान नगर निगम उपायुक्त मिथलेश अवस्थी हाईकोर्ट में उपस्थित हुए। उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि निगम प्रशासन सभी ४९ विस्थापितों को शनिचरी चौपाटी में जमीन उपलब्ध कर स्थापित करने की कार्रवाई कर रहा है। ये अपने खर्चे पर दुकान बनाकर व्यवसाय कर सकते हैं। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पंकज अग्रवाल द्वारा विस्थापितों को जमीन का पट्टा आवंटित किए जाने की मांग की गई। नगर निगम की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता आशुतोष कछवाहा ने इस पर एतराज जताते हुए कहा कि १९८३ में सेटल स्टेट अप योजना के तहत गुमटियां आवंटित कर व्यवसाय करने की इजाजत दी गई थी। जमीन का मालिकाना हक या पट्टा उस समय भी नहीं दिया गया था, इसलिए पट्टा देने का कोई प्रश्र नहीं उठता है। इस मामले में बंधु मौर्या की ओर से आपत्ति की गई कि चौपाटी उनकी जमीन पर बन रही है। जमीन का आवंटन उनकी जमीन पर कैसे कर सकते हैं? इस पर नगर निगम की ओर से बताया गया कि विस्थापितों को नजूल की जमीन पर स्थापित किया जा रहा है, ये किसी की निजी संपत्ति नहीं है। हाईकोर्ट मे मामले की सुनवाई के बाद तीन दिनों में शनिचरी रपटा में स्थापित करने का निर्देश देते हुए याचिका निराकृत कर दी।
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