बिलासपुर. शहर के चौक चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल से लोग परेशान होने लगे हैं। पीक ऑवर में लोगों को डेढ़ मिनट तक रूकना पड़ रहा है, जबकि 30 सेकंड से कम समय में चौक के एक तरफ का ट्रैफिक गुजर जाता है। अन्य चौक चौराहों में कम दबाव वाली सड़क पर भी लोगों को जबरदस्ती एक मिनट तक रूकना पड़ रहा है। आटोमेटिक ट्रैफिक सिस्टम सिर्फ नाम का ही रह गया है। वहीं अव्यवस्था के कारण बंद किए गएशहर के 3 चौक चौराहों से लोग आसानीसे गुजर रहे हैं।
यातायात में देश का नंबर शहर बनने की राह का रोड़ा ट्रैफिक सिग्नल ही बनते जा रहे हैं। दरअसल, पीक ऑवर में शहर के अधिकांश सिग्नल की ट्रैफिक व्यवस्था डगमगा जाती है। जिम्मेदारों की अनदेखी से जनता को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। उनके वक्त के साथ वाहन के फ्यूल की भी बर्बादी हो रही है। रविवार को पत्रिका की टीम ने शहर के ऐसे चौक चौराहों पर इसकी पड़ताल की। जिसमें कई खामियां सामने आईं। आईटीएमएस यानि आटोमेटिक ट्रैफिक एंड मैनेजमेंट सिस्टम चौक चौराहों पर पूरी तरह ध्वस्त था।
नेहरू चौक में मनमानी व्यवस्था
नेहरू चौक पर रविवार को चारों दिशाओं के लिए पीक ऑवर में एक ही समय 30-30 सेकंड तय किया गया था। इंदिरा सेतु और मंदिर चौक की ओर से आने वालों कीसंख्या अधिक थी। जबकि पोस्ट ऑफिस और कलेक्टोरेट की ओर आने वालों की संख्या कम थी। पीक ऑवर 30 सेकंड में इंदिरा सेतु और मंदिर चौक से लोग आसानी से पार हो गए। वहीं कलेक्टोरेट और पोस्ट ऑफिस रोड पर कम लोगों के होने के कारण 20 सेकंड तक कोई सिग्नल पार करने वाला नहीं था।
महामाया चौक
सरकंडा महामाया चौक तिराहे पर तीनों दिशाओं से आने वाले वाहनों के 30-30 सेकेंड का पीक ऑवर यानि ड्यूरेशन टाइम सेट है। यातायात का दबाव मुख्य रूप से इंदिरा सेतु और सीपत चौक से आने वाले लोगों का अधिक रहता है। जबकि पुराना सरकंडा मार्ग से आने और सीपत चौक की ओर जाने वालों के लिए भी रेड सिग्नल बाध्यता है। यानि सीपत चौक की ओर जाने वालों को जब तक सिग्नल ग्रीन नही होता तक तक चौक परखड़ा होना पड़ता है।
4 चौक चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल बंद, लोग आसानी से आ जा रहे
शहर में निर्माण कार्य के कारण मंगला चौक और चांटीडीह चौक पर लगे सिग्नल बंद कर दिएगए हैं। मंगला चौक पर लोग बिना ट्रैफिक सिग्नल के आसानी से सड़क पर पर रहे है और हादसे और जाम जेसी कोई समस्या नहीं है। इसके साथ ही चांटीडीह चौक सिग्नल कनेक्ट है, लेकिन यहां सिग्नल आटोमेटिक काम नहीं करने के कारण इसे ब्लिंकर कर दिया है, यानि चौक पर कोई सिग्नल व्यवस्था नहीं है। पुराना बस स्टैण्ड और भारतीय नगर चौक के सिग्नल भी ब्लिंकर कर दिए गए है, इससे लोग आसानी से सड़क पार कर रहे हैं।
ट्रैफिक सिग्नल के ड्यूरेशन टाइमिंग ट्रैफिक पुलिस के बताने पर ही तय किए गए हैं। जिन क्षेत्रों में निर्माण चल रहा है वहां केबल डिस्कनेक्ट होने के कारण बंद हैं। रेड सिग्नल ड्यूरेशन कम करने के लिए सर्वे और ट्रैफिक पुलिस से इनपुट लिया जाएगा। इसके बादही कुछ हो सकता है।
वाई श्रीनिवास
प्रभारी, आईटीएमएस
चौक पर यातायात के दबाव के अनुरूप रेड सिग्नल ड्यूरेशन टाइमिंग सेट किए गए हैं। जिन चौक चौराहों पर सिग्नल के कारण अव्यवस्था हो रही थी, वहां सिग्नल की जगह ब्लिंकर शुरू करदिए गए है। यातायात ड्यूरेशन टाइमिंग को कम करने के लिए आईटीएमएस के अधिकारियों के साथ चर्चा कर समाधान किया जाएगा।
संजय साहू
डीएसपी ट्रैफिक
टॉपिक एक्सपर्ट
प्रथमेश मिश्रा
ट्रैफिक एक्सपर्ट
सही तरीके से यातायात बहाव का समयानुसार सर्वे और अध्ययन नहीं किया गया है। एक कारण और है वह है एक ही दिशा के सभी सिग्नलों का आपस में सिंक्रोनाइजेशन नहीं होना। सिंक्रोनाइजेशन ऐसा होना चाहिए कि यदि वाहन महाराणा प्रताप चौक से ग्रीन सिग्नल के बाद आगे बढ़ते हैं तो उन्हें राजीव गांधी चौक पहुंच कर भी ग्रीन सिग्नल मिले फिर मंदिर चौक पर भी ग्रीन सिग्नल मिले फिर वेयर हाउस चौक, नेहरु चौक, मंदिर चौक, सीपत चौक, बहतराई चौक, अपोलो चौक और आगे जाने वाले वाहन सीधे बाहर निकल जाएं। इसी प्रकार से महाराणा प्रताप चौक से व्यापार विहार तक और राजेन्द्र नगर चौक से तारबाहर चौक तक व्यवस्था बनाई जा सकती है। एक चौक से दूसरे चौक तक पहुंचने में वाहनों को लगने वाले औसत समय के अनुसार रेड और ग्रीन सिग्नल का समय निश्चित किया जा सकता है।